चीनी मिलों की आक्सीजन बचाएगी जिदगी

कोविड अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने से मेडिकल ऑक्सीजन की कई गुना मांग बढ़ी है। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने ऑक्सीजन की औद्योगिक आपूर्ति रोककर अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करानी शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 12:12 AM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 12:12 AM (IST)
चीनी मिलों की आक्सीजन बचाएगी जिदगी
चीनी मिलों की आक्सीजन बचाएगी जिदगी

जेएनएन, शाहजहांपुर : कोविड अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने से मेडिकल ऑक्सीजन की कई गुना मांग बढ़ी है। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने ऑक्सीजन की औद्योगिक आपूर्ति रोककर अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करानी शुरू कर दी है। शाहजहांपुर में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के आह्वान पर बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयों ने प्रशासन को आक्सीजन वापस कर राहत दी है। वहीं, अब जनपद की पांचों चीनी मिलों में पेराई कार्य बंद हो चुका है। मिलों में जंबो सिलेंडर में रखी आक्सीजन भी जिदगी बचाने में कारगर साबित हो होगी।

जनपद में पांच चीनी मिलों समेत करीब सवा सौ वृहद लघु उद्योगों तथा 50 कारखानों ऑक्सीजन का प्रयोग होता है। चीनी मिलों में ऑक्सीजन को जंबो सिलेंडर में भंडारण के रूप में रखा जाता है। पेराई सत्र समाप्ति के बाद मिलिग कार्य के दौरान लोहा काटने का भी प्रमुखता से कार्य होता है। जिसमें प्रत्येक चीनी मिल साल भर में 1200 से 2000 तक गैस सिलेंडर तक का प्रयोग हो जाता है। लेकिन गन्ना पेराई बंद होने पर अब बची ऑक्सीजन काम आ सकती है।

41 फीसद आक्सीजन के बढ़े दाम

जनपद में आक्सीजन की किल्लत 15 अप्रैल से शुरू हुई, लेकिन प्रदेश में यह संकट मार्च से ही शुरू हो गया था। तिलहर चीनी मिल को आक्सीजन आपूर्ति करने वाली लखनऊ की फर्म ने 360 रुपये वाले सिलिंडर के दाम बढ़ाकर 510 रुपये कर दिए। चीनी मिल के क्रय प्रभारी सीके दीक्षित ने बताया कि एक माह में औसतम ऑक्सीजन के 15 से 20 सिलेंडर लग जाते हैं। मार्च में कीमत बढ़ गई। अप्रैल से आपूर्ति में गैस नहीं मिली।

निगोही चीनी मिल में आक्सीजन का प्रयोग बंद डिस्टलरी का चल रहा काम

निगोही चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक कुलदीप कुमार बताते हैं कि ऑक्सीजन की खपत की जानकारी नहीं है, लेकिन पेराई सत्र में अपेक्षित स्टॉक रखा जाता है। 21 अप्रैल को चीनी मिल में पेराई बंद होने के बाद अब सिर्फ डिस्टलरी यूनिट को ऑक्सीजन जरूरत होगी। इससे चीनी मिल में बची ऑक्सीजन का अस्पतालों में प्रयोग किया जा सकेगा।

संयुक्त आयुक्त ने मांगा ब्योरा

संकट की घड़ी में चीनी मिलों में प्रयोग होने वाली ऑक्सीजन पर शासन प्रशासन की भी नजरें टिकी हुई हैं। संयुक्त आयुक्त उद्योग ऋषि रंजन गोयल ने चीनी मिलों में प्रयोग होने आक्सीजन का ब्योरा मांगा है।

फैक्ट फाइल

- 75 फीसद आक्सीजन का प्रयोग पेराई बंद होने के बाद मरम्मत कार्य में होता है।

- 5 चीनी मिलों में साल भर में 7 हजार से 10 हजार सिलिंडश्र तक हो जाता है उपभोग

वर्जन

अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों ने स्वेच्छा से ऑक्सीजन दे दी है। चीनी मिलों से भी आक्सीजन का ब्योरा जुटाया जाएगा। शासन से भी लिक्वड आक्सीजन की मांग की गई है।

राजेश कुमार सिटी मजिस्ट्रेट

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