मारपीट के मामले में बिना लिखापढ़ी के समझौता कैसे: एसपी

चन्योरा गांव में हुए खूनी संघर्ष के पीछे पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। इसके लिए एसपी ने थानाध्यक्ष को भी फटकार लगाई। ग्रामीणों ने बताया कि राजपाल व बलवीर के परिजनों के बीच तीन माह पहले भी किसी बात को लेकर विवाद हो गया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 12:05 AM (IST)
मारपीट के मामले में बिना लिखापढ़ी के समझौता कैसे: एसपी
मारपीट के मामले में बिना लिखापढ़ी के समझौता कैसे: एसपी

जेएनएन, निगोही, शाहजहांपुर : चन्योरा गांव में हुए खूनी संघर्ष के पीछे पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। इसके लिए एसपी ने थानाध्यक्ष को भी फटकार लगाई। ग्रामीणों ने बताया कि राजपाल व बलवीर के परिजनों के बीच तीन माह पहले भी किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। जिस वजह से दोनों पक्ष छोटी-छोटी बातों को लेकर आमने-सामने आ जाते थे। शनिवार को हुए विवाद को पुलिस ने मामूली घटना समझकर गांव में उसका निपटारा कर इतिश्री कर ली। इसी बात पर गांव पहुंचे एसपी एस आनंद ने थानाध्यक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि मारपीट तक मामला पहुंच गया था तब बिना लिखापढ़ी समझौता कैसे करा दिया गया। पुलिस ने मामले का गंभीरता से लिया होता तो घटना न होती।

छतों से शुरू हुई फायरिग

दोनों पक्षों के मकान के आमने-सामने है। पथराव शुरू होने पर दोनों पक्ष अपनी-अपनी छतों पर पहुंच गए और ताबड़तोड़ फायरिग शुरू कर दी।

बाइक से थाने पहुंचे घायल

घटना के बाद एक घंटा तक पुलिस गांव नहीं पहुंची। गोली से घायल राजपाल, उनकी मां रामबेटी व दो अन्य बाइकों से थाने तक पहुंचे। वहीं, एंबुलेंस न मिलने की वजह से अन्य घायलों को तरह धीरेंद्र को भी निजी वाहन से मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया था। धीरेंद्र की मौत से पलक, प्रांजुल व छोटू के सिर से पिता का साया छिन गया। पत्नी वीरवाला सदमें में हैं।

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