गन्ना किसानों के लिए नई सट्टा नीति जारी, ड्राल पर विशेष जोर

आगामी गन्ना पेराई सत्र के लिए नई सट्टा नीति जारी कर दी गई है। नई व्यवस्था में गन्ना उत्पादन के सापेक्ष पेराई (ड्राल) फीसद बढ़ाने पर जोर दिया गया है। गन्ना आयुक्त ने ड्राल की न्यूनतम सीमा 60 फीसद तक नियत की है

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 12:52 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 12:52 AM (IST)
गन्ना किसानों के लिए नई सट्टा नीति जारी, ड्राल पर विशेष जोर
गन्ना किसानों के लिए नई सट्टा नीति जारी, ड्राल पर विशेष जोर

जेएनएन, शाहजहांपुर : आगामी गन्ना पेराई सत्र के लिए नई सट्टा नीति जारी कर दी गई है। नई व्यवस्था में गन्ना उत्पादन के सापेक्ष पेराई (ड्राल) फीसद बढ़ाने पर जोर दिया गया है। गन्ना आयुक्त ने ड्राल की न्यूनतम सीमा 60 फीसद तक नियत की है। भूमि बिक्री व विरासत मामलों में बेसिक कोटा स्थानांतरण प्रक्रिया का सरलीकरण भी किया गया है। बेसिक कोटा निर्धारण में तीन श्रेणियां तय की गई है।

प्रदेश में 47 लाख गन्ना कृषक 168 सहकारी गन्ना विकास समितियों व 14 चीनी मिल समितियों के माध्यम से 120 चीनी मिलों को आपूर्ति करते है। वर्तमान में चीनी मिलें कुल उत्पादन का करीब 46.02 फीसद ही गन्ना पेराई कर पाती हैं। शेष गन्ना गुड़, राब एवं खांडसारी तथा बीज आदि में प्रयुक्त होता है। नई सट्टा नीति में गुड़ व खांडसारी इकाइयों के प्रोत्साहन के साथ ही उत्पादन के सापेक्ष गन्ना पेराई फीसद (ड्राल) को 60 से 70 फीसद तक ले जाने पर जोर दिया गया है। कहा गया कि किसानों को उचित मूल्य मिलेगा। मार्च के बाद चीनी मिलों में पेराई संभव होगी। गन्ना आयुक्त व अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी की ओर से जारी नई सट्टा नीति में चीनी मिलों को गन्ना रकबा व पेराई में संतुलन बनाए रखने को कहा गया है। मृतक आश्रितों को रकबा आवंटित करने के साथ होगी जांच

सट्टा नीति में गन्ना समिति सदस्यों को आवंटित किये गये यूनिक कोड सहित ग्रामवार सूची बनायी जाएगी। सूची की जांच कर भूमिहीन, अयोग्य सदस्यों की जगह वारिस सदस्यों का नाम दर्ज किया जाएगा। डबल सट्टा पर नपेंगे एससीडीआइ और समिति

पेराई सत्र के मध्य डबल बांड (दोहरा सट्टा) पाए जाने पर संबंधित ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक व सहकारी गन्ना विकास सचिव के खिलाफ कार्रवाई होगी। केन इम्प्लीमेंटेशन कमेटी की बैठक में भी ऐसे मामले रखे जाएंगे। किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान भी रोकने पर भी विचार किया जाएगा। पूर्व की औसत आपूर्ति पर तय होगा बेसिक कोटा

किसानों के हितार्थ बेसिक कोटा निर्धारण में तीन श्रेणियां रखी गई है। प्रथम श्रेणी में दो वर्ष (पेराई सत्र 2019-20, 2020-21) की औसत आपूर्ति के आधार पर कोटा तय होगा। इसके बाद तीन वर्ष व विगत पांच वर्ष की औसत आपूर्ति के आधार पर आगामी पेराई सत्र के लिए बेसिक कोटा तय किया जाएगा। भूमि बिक्री पर इन तीन श्रेणियों के तहत निर्धारित होगा सट्टा व बेसिक कोटा

गन्ना समिति सदस्य के शत प्रतिशत कृषि योग्य भूमि किए जाने पर सट्टा रकबा क्रेता को हस्तांतरित हो जाएगा। विक्रेता का बेसिक कोटा शून्य कर दिया जाएगा। 50 फीसद से अधिक व 100 फीसद से कम भूमि बिक्री की दशा में शपथ पत्र देने पर क्रेता के नाम 50 प्रतिशत अंश विक्रेता के बेसिक कोटा में शामिल करा दिया जाएगा। इसी तरह 50 प्रतिशत से कम कृषि योग्य की दशा में 50 रुपये के स्टांप पर निर्धारित प्रारूप में शपथ पत्र देने पर क्रेता का बेसिक कोटा बढ़ा दिया जाएगा। 30 सितंबर तक बनेंगे नए सदस्य

सट्टा नीति में 30 सितंबर तक नए गन्ना आपूर्ति सदस्य बनाने की तिथि नियत की गई। इसके लिए किसानों को ईआरपी की वेबसाइट व इन्क्वायरी डाट केन यूपी आप्शन पर आनलाइन आवेदन करना होगा। आनलाइन सत्यापन के बाद सट्टा बांड जारी होगा। फैक्ट फाइल

- 1.80 लाख किसान है जिले में व 47 लाख प्रदेश में

- 5 चीन मिलें जिले में व 120 प्रदेश में

- 3 सहकारी समितियां जिले में 168 प्रदेश में

- 46.02 फीसद ड्राल फीसद 60 फीसद का लक्ष्य

नई सट्टा नीति जारी हो गई है। प्रचार प्रसार कर नई सट्टा नीति की किसानों को जानकारी दी जाएगी। चीनी मिलों को उत्पादन के सापेक्ष गन्ना पेराई फीसद बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

डा. खुशीराम, जिला गन्ना अधिकारी

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