कोरोना से बदला कारोबार, मिलने लगा लोगों को रोजगार

यदि व्यक्ति में कुछ करने का जज्बा हो तो वह हर परिस्थितियों में खुद को साबित कर सकता है। ऐसा ही जज्बा शहर के चौक मंडी निवासी इलियास के अंदर है। कोरोना का असर इलियास के 28 साल पुराने कारोबार पर भी पड़ा लेकिन उन्होंने हिम्मत हारने के बजाय दूसरा कारोबार मजबूती से खड़ा कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2020 12:37 AM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2020 12:37 AM (IST)
कोरोना से बदला कारोबार, मिलने लगा लोगों को रोजगार
कोरोना से बदला कारोबार, मिलने लगा लोगों को रोजगार

अजयवीर सिंह, शाहजहांपुर : यदि व्यक्ति में कुछ करने का जज्बा हो तो वह हर परिस्थितियों में खुद को साबित कर सकता है। ऐसा ही जज्बा शहर के चौक मंडी निवासी इलियास के अंदर है। कोरोना का असर इलियास के 28 साल पुराने कारोबार पर भी पड़ा लेकिन उन्होंने हिम्मत हारने के बजाय दूसरा कारोबार मजबूती से खड़ा कर दिया। जिससे दूसरे जिलों में मजदूरी करने जाने वाले युवाओं को भी जिले में रोजगार मिल गया।

इलियास खां क्षेत्र के हयातपुर मुहल्ले में सेवई बनवाकर थोक भाव में दुकानों पर बिक्री कराते थे। लेकिन कोरोना की वजह से उनका यह कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया। लेकिन हिम्मत हारने के बजाय उन्होंने उद्योग केंद्र में संपर्क किया। जहां उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के बारे में जानकारी मिली। जिस योजना के माध्यम से आठ लाख रुपये का लोन लेकर मिठाई के डिब्बे बनाने का कारखाना लगा लिया। जिससे उनके कारोबार फिर से पटरी पर दौड़ने लगा। साथ ही जिले के युवाओं को रोजगार भी मिलने लगा।

20 लोगों को मिला रोजगार

जो लोग कन्नौज, दिल्ली, लखनऊ जैसे बड़े शहरों में मजदूरी करने जाने वाले करीब 20 युवाओं को भी उन्होंने अपने कारखाने में रोजगार दिया है। इसके अलावा शादी के सीजन पर मजदूरों की संख्या बढ़ जाती है।

600 डिब्बे बनाता है एक मजदूर

इलियास ने बताया कि मिठाई के डब्बे जिले की सभी तहसीलों में सप्लाई हो रहे है। एक मजदूर प्रतिदिन करीब 600 डिब्बे बना लेता है। जिससे आठ से नौ हजार रुपये हर मजदूर को मिल जाते है।

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