गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर उमड़ी श्रद्धा भक्ति

गुरुनानक देव जी का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 04:50 PM (IST)
गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर उमड़ी श्रद्धा भक्ति
गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर उमड़ी श्रद्धा भक्ति

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : फूलों से सजे दीवान पर मध्य में गुलाब की पंखुड़ियों से सुशोभित गुरुनानक देव जी अवतरण के वर्ष, मत्था टेक मन्नत मांगते हजारों श्रद्धालु, संगीत की स्वर लहरियों पर शबद कीर्तन व गुरुवाणी से संगत को निहाल करता रागी जत्था। मंगलवार को यह नजारा था भव्यरूप से सजे गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा का।

गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में मंगलवार सुबह से गुरु के अनुशासन के साथ यहां अपराह्न चार बजे तक दर्शनों को तांता लगा रहा। दोपहर में लंगर के लिए कतार लग गई। शाम को कुटिया साहिब में कीर्तन दरबार सजा।

गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा में कीर्तन दरबार का शुभारंभ हरेंद्र सिंह व परमजीत सिंह बावा की ओर से रखवाए गए अखंड पाठ की समाप्ति के साथ हुआ। सुखमनी सेवा सोसायटी की ओर से जपूजी साहिब पाठों की लड़ी का समापन कराया गया। इसके बाद गुरुनानक देव जी हाल में कीर्तन दरबार सजा। डीएम इंद्र विक्रम सिंह, एसपी डा. एस चिनप्पा ने भी हाजिरी दी। दिल्ली से आए भाई हाकिम सिंह ने गुरुनानक देव जी महाराज के पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया। अमृतसर के भाई जगदीप सिंह ने गुरुवाणी से संगत को निहाल किया। धाíमक सचिव जगजीत सिंह भी मौजूद रहे। फूलों से सजी पालिकी पर विराजमान गुरुग्रंथ साहिब के समझ सभी ने शीश नवाया। ननकाना साहिब पंजाब, करतार सिंह यात्रा से आए परमजीत सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा, जगजीत सिंह को गुरुद्वारा प्रधान कमलेश कौर माटा ने सिरोपा भेंट किया। महासचिव हरभजन सिंह दुआ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जुझार सिंह मोंगा ने आभार जताया। शाम को साध संगत कुटिया पे समागम हुआ। कार्यक्रम की लंगर सेवा में मुख्य रूप से करतार सिंह, मंजीत सिंह, गुरुमीत सिंह गांधी, राजेंद्र कौर, हरजीत कौर, रविद्र सिंह बग्गा, गुरुबचन सिंह, जागीर सिंह, रामसिंह गांधी, गुरप्रीत कुलदीप सिंह दुआ का सहयोग रहा।

लधौला चेना : गुरुनानक देव की जयंती पर गुरुद्वारों में अखंड पाठ के बाद भोग और लंगर हुआ। गुरुद्वारा सिघीपुर, बसखेड़ा बुजुर्ग, सुहेली, ईंटारोरा स्थित गुरुद्वारों में गुरुनानक देव के उपदेश सुनाये गये। संगत ने उनकी शिक्षाओें पर अमल करने का संकल्प लिया।

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