जेल की पाठशाला से पास की बीए की परीक्षा

यदि कुछ करने का मन में जज्बा और लगन है तो निश्चित तौर पर कामयाबी मिलती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Apr 2019 01:02 AM (IST) Updated:Sat, 13 Apr 2019 06:06 AM (IST)
जेल की पाठशाला से पास की बीए की परीक्षा
जेल की पाठशाला से पास की बीए की परीक्षा

जेएनएन, शाहजहांपुर : यदि कुछ करने का मन में जज्बा और लगन है तो निश्चित तौर पर कामयाबी मिलती है। इसे साबित किया है जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों ने। जिसमे हत्या जैसे अपराध की सजा काट रहे कांट थाना क्षेत्र के कुर्रियाकला निवासी सुरेंद्र हर किसी के लिए मिशाल बन गए हैं। जिन्होंने कभी विद्यालय की चौखट पर कदम नहीं रखा। हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा होने के बाद सुरेंद्र ने जेल से ही कक्षा एक से लेकर बीए तक की पढ़ाई पूरी की। बीए का पहला बैच जब पास हुआ तो उसमे सुरेंद्र 57 फीसद अंकों के साथ दूसरे स्थान रहे। वहीं हत्या के मामले में ही बंद रामपाल ने 57. 18 फीसद अंक पाकर पहला स्थान हासिल किया। जबकि दिनेश ने 54 फीसद अंक हासिल किये। इसी तरह 108 बंदियों के विभिन्न डिप्लोमा के भी प्रमाण पत्र प्राप्त किए। जेल अधीक्षक राकेश कुमार व जेलर जेपी दुबे ने रिजल्ट वितरित किया। जेल अधीक्षक ने कहा इग्नू के जरिये हर बंदी को शिक्षित किया जा रहा है। -----

बंदी बने शिक्षक

बंदी कामराज आर्य, राकेश राकेश उर्फ टिल्लू व राघवेंद्र शिक्षक की भूमिका में रहे। जिसमे कामराज जेल में आने से पहले एक इंटर कॉलेज में पढ़ा रहे थे। -----

जेल में ही लगती हैं कक्षाएं

जेलर जेपी दुबे ने बताया कि दो सालों से जेल में इग्नू की कक्षाएं संचालित होती है। इससे पहले जो बंदी पढ़ाई को लेकर इच्छुक होता था वह उसकी परीक्षाएं बरेली के सेंट्रल जेल में कराई जाती थी।

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