मेडिकल कालेज में दस दिन से एंटी रैबीज वैक्सीन का टोटा

कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने की सरकार से लेकर प्रशासन तक चितित है लेकिन एंटी रैबीज इंजेक्शन पर किसी का ध्यान नहीं है। मेडिकल कालेज में वैक्सीन खत्म हुए 10 दिन से अधिक समय हो गया है। ऐसे में खुद की जान बचाने के लिए लोग शहर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हो रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 01:37 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 01:37 AM (IST)
मेडिकल कालेज में दस दिन से एंटी रैबीज वैक्सीन का टोटा
मेडिकल कालेज में दस दिन से एंटी रैबीज वैक्सीन का टोटा

जेएनएन, शाहजहांपुर : कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने की सरकार से लेकर प्रशासन तक चितित है, लेकिन एंटी रैबीज इंजेक्शन पर किसी का ध्यान नहीं है। मेडिकल कालेज में वैक्सीन खत्म हुए 10 दिन से अधिक समय हो गया है। ऐसे में खुद की जान बचाने के लिए लोग शहर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हो रहे है। इंजेक्शन का संकट सिर्फ दस दिन ही नहीं बल्कि करीब दो-तीन माह से लगातार बना हुआ है।

पहले बजट के अभाव में उप्र मेडिसिन सप्लाई कॉरपोरेशन स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करा पा रहा था। जिस वजह से कई-कई दिन तक लोगों को परेशान होना पड़ता था, लेकिन दस दिन से पूरी तरह से सप्लाई बंद कर दी गई है। जबकि 72 घंटे के अंदर इंजेक्शन लगना अनिवार्य होता है।

प्राइवेट में देने पड़ रहे 350 रुपये

मेडिकल कॉलेज में एंटी रैबीज का इंजेक्शन न लगने पर आस-पास के लोग विकासखंड भावलखेड़ा, ददरौल आदि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगवाने जा रहे है। या फिर प्राइवेट अस्पताल में 300 से 350 रुपये देकर इंजेक्शन लगवा रहे हैं। जबकि कुत्ता, बंदर, बिल्ली के काटने पर तीन इंजेक्शन लगना अनिवार्य है।

130 इंजेक्शन लगते है औसतन

मेडिकल कालेज में सामान्य दिनों में औसतन 130 एंटी रैबीज के इंजेक्शन हर दिन लगते थे। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है। दूर-दराज से भी आने वाले लोग परेशान हो रहे हैं।

यह हो रही दिक्कत

मेडिकल कालेज के पास इन दिनों पर्याप्त बजट है, लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उप्र मेडिसिन सप्लाई कारपोरेशन ने बजट पोर्टल पर अपडेट होने के बाद ही सप्लाई देने की बात कही है। दो दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था। मेडिकल कालेज में टीका नहीं लग सका। जिस वजह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ददरौल पर आना पड़ा।

अनुज कुमार, नवादा बेटे के हाथ में कुत्ते ने काट लिया था। खून भी बहुत निकला, लेकिन इंजेक्शन नहीं लग पा रहा है। रुपये देकर निजी अस्पताल में इंजेक्शन लगवाएंगे।

सीमा, रौसर कोठी बेटे के कुत्ते ने काट लिया था। सेहरामऊ दक्षिणी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां इंजेक्शन नहीं थे अब मेडिकल कॉलेज में भी। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

अनिकेत, सेहरामऊ दक्षिणी एंटी रैबीज इंजेक्शन की लगातार डिमांड की जा रही है। 30 मार्च को 25 वायल मिली थी, जिनसे 100 लोगों को इंजेक्शन लग गए थे, लेकिन इसके बाद सप्लाई नहीं मिली है। उम्मीद है दिक्कत जल्द दूर हो जाएगी।

जेडी बंसल, स्टोर प्रभारी मेडिकल कॉलेज

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