कृषि विवि बनाने को भूमि का टोटा

शाहजहांपुर : शाहजहांपुर में गन्ना कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भ

By Edited By: Publish:Sat, 27 Aug 2016 01:05 AM (IST) Updated:Sat, 27 Aug 2016 01:05 AM (IST)
कृषि विवि बनाने को भूमि का टोटा

शाहजहांपुर : शाहजहांपुर में गन्ना कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भूमि और संसाधनों की कमी बताई है। दरअसल भाजपा विधानमंडल दल के नेता व नगर विधायक सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा सत्र के दौरान इस बाबत सवाल उठाया था। जिसका मुख्यमंत्री की ओर से लिखित जबाव दिया गया है। जिसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के माध्यम से गन्ना शोध परिषद को अपग्रेड कर कृषि विश्वविद्यालय बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। प्रस्ताव पर विचार भी किया गया। लेकिन उप्र कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा कृषि विश्वविद्यालयों के निर्धारित मानकों के अनुरूप गन्ना शोध परिषद में आवश्यक जमीन व अपेक्षित संसाधन उपलब्ध नहीं है। इस कारण शोध परिषद को कृषि विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड न करने का निर्णय लिया गया।

कृषि विभाग के पास 275 और केवीके पास 50 एकड़ जमीन : कृषि विश्वविद्यालय के लिए जमीन खोजने की भी जरूरत नहीं। दरअसल कृषि विभाग के चार फार्मों के नाम ही 110 हेक्टेयर अर्थात 275 एकड़ जमीन है। जबकि कृषि विश्वविद्यालय के लिए मानकों के अनुरूप मात्र पचास हेक्टेयर ही जमीन चाहिए। इनमें ब्लाक बंडा के धीमपुरपुरा फार्म 32 हेक्टेयर, ब्लाक निगोही का नरायनपुर फार्म 36 हेक्टेयर, निगोही फार्म 12 हेक्टेयर तथा पुवायां ब्लाक के नाहिल फार्म में 30 हेक्टेयर जमीन है। नियामतपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पास भी करीब 50 एकड़ जमीन है। खुटार स्थित जिस गोसदन की 90 हेक्टेयर जमीन पर माफियों का कब्जा है, उसे भी गन्ना कृषि विश्वविद्यालय से जोड़कर देश व प्रदेश को प्रथम गन्ना कृषि विश्वविद्यालय का तोहफा दिया जा सकता है।

बढ़ेगा शहीद नगरी का गौरव : यदि शाहजहांपुर में गन्ना कृषि विश्वविद्यालय बन जाता है तो यह अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां तथा ठाकुर रोशन ¨सह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। खाद्यान्न उत्पादन व मिठास से प्रदेश को पहले नंबर पर पहुंचाने वाले किसानों का सम्मान भी होगा।

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