पीतल बर्तन के साथ अब होजरी उद्योग भी शामिल

एक जनपद-एक उत्पाद(ओडी-ओपी)में पीतल बर्तन के अलावा अब होजरी उद्योग को भी शामिल कर लिया गया है। इससे जिले में औद्योगिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा। इस उद्योग से जुड़े हस्तशिल्पियों को काफी फायदा होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Apr 2020 09:39 PM (IST) Updated:Wed, 29 Apr 2020 09:39 PM (IST)
पीतल बर्तन के साथ अब होजरी उद्योग भी शामिल
पीतल बर्तन के साथ अब होजरी उद्योग भी शामिल

संत कबीरनगर: एक जनपद-एक उत्पाद(ओडी-ओपी)में पीतल बर्तन के अलावा अब होजरी उद्योग को भी शामिल कर लिया गया है। इससे जिले में औद्योगिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा। इस उद्योग से जुड़े हस्तशिल्पियों को काफी फायदा होगा।

फरवरी-2018 में ओडी-ओपी में जिले के बखिरा का पीतल बर्तन चयनित हुआ था। इसके बाद जिले में वित्त पोषण योजना, हस्तशिल्पी प्रोत्साहन योजना, प्रशिक्षण एवं टूल किट योजना चलाई गई। पीतल बर्तन बनाने वाले हस्तशिल्पियों के उत्पादों की बिक्री में तेजी लाने के लिए मार्केटिग पर ध्यान दिया गया। इसके लिए इन्हें देश के विभिन्न स्थानों में स्टाल लगाने की सुविधा दी गई। इनके ट्रेन से आने-जाने का किराया, इनके उत्पादों के ले जाने का मालभाड़ा, स्टाल लगाने पर आने वाले खर्च को शासन वहन कर रही है। अब होजरी उद्योग को शामिल करने से जनपद में उत्पादन, सेवा व दुकान से जुड़े लगभग पांच हजार लोगों को इससे फायदा होगा। धनघटा तहसील क्षेत्र के मुखलिसपुर कस्बे के अलावा मगहर सहित अन्य स्थानों में होजरी उद्योग चल रहा है।

ओडी-ओपी में बखिरा के पीतल बर्तन के साथ ही अब होजरी उद्योग को भी शामिल कर लिया गया है। पीतल बर्तन बनाने का काम केवल बखिरा कस्बे में सीमित है। वहीं होजरी उद्योग में उत्पादन, सेवा व दुकान से जुड़े लोगों की संख्या लगभग पांच हजार लोगों को इसका फायदा होगा।

रवि शर्मा-उपायुक्त जिला उद्योग

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