आखिर कहां है मृतक महिला का दूसरा बच्चा

डा. इंद्रविजय विश्वकर्मा सीएमओ ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति का प्रार्थना पत्र उन्हें मिला है। चिकित्सकों की टीम गठित कर प्रत्येक बिदु की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट में कमियां सामने आने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 11:28 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 11:28 PM (IST)
आखिर कहां है मृतक महिला का दूसरा बच्चा
आखिर कहां है मृतक महिला का दूसरा बच्चा

संतकबीर नगर: खलीलाबाद का एक निजी अस्पताल सवालों के घेरे में है। वह इसलिए कि अस्पताल की लापरवाही के चलते एक महिला की मौत हो गयी। उसकी कोख में पल रहा दूसरा बच्चा भी गायब है। सवाल यह भी है कि आपरेशन के दौरान यदि बच्चा सुरक्षित पैदा हुआ तो वह कहां है। कहीं बच्चे को बेच तो नहीं दिया गया। इतने सवाल उठने के बाद भी दोषियों के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं कराया गया।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन सवालों का जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं। वहीं संचालक व स्टाफकर्मी अस्पताल पर ताला लगाकर फरार हैं। पुलिस घटना से अनजान है। वहीं मृतक महिला के स्वजन यह जानने को परेशान हैं कि महिला की मौत कैसे हुई, उसके पेट में मौजूद दूसरा बच्चा कहां है।

कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के बूधा कला गांव निवासी रामकिशोर ने डाक्टरों के कहने पर तीन माह पूर्व अपनी 35 वर्षीय गर्भवती पत्नी सुनीता का अल्ट्रासाउंड करवाया था। इससे उन्हें यह पता चला कि उनकी पत्नी के पेट में जुड़वा बच्चे पल रहे हैं। बीते आठ अक्टूबर की सुबह करीब नौ बजे पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर वह गांव की आशा कार्यकर्ता के साथ पत्नी को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चुरेब में पहुंचे। यहां पर नार्मल डिलीवरी में एक बच्ची पैदा हुई। वहीं दूसरे बच्चे के पेट में फंसे होने की बात कहकर खलीलाबाद के एक निजी अस्पताल में भेज दिया गया था। यहां के कर्मियों ने पति रामकिशोर को काफी देर तक बातों में उलझाए रखा। वहीं गुपचुप तरीके से पत्नी का आपरेशन कर दिया गया। दूसरा बच्चा मरा हुआ मिला या जिदा, इसकी जानकारी नहीं दी गई। आपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ने पर अस्पताल के कर्मियों ने अपने एंबुलेंस से तारामंडल, गोरखपुर स्थित एक निजी अस्पताल भेज दिया। जहां बताया गया कि महिला की मौत हो गई। नौ अक्टूबर को शव को दफनाने के पूर्व नहलाने के दौरान महिलाओं ने देखा कि मृतक महिला का पेट चीरा हुआ है, उस पर टांका और पट्टी लगा हुआ था।

नवजात समेत पांच बच्चे मां की छांव से हुए वंचित

इलाज में लापरवाही से सुनीता की जान चली गई। 12 वर्षीय बेटी चांदनी, छह वर्षीय बेटा सूरज, तीन वर्ष की चंदा, दो वर्षीय बेटा सूर्या और आठ अक्टूबर को पैदा हुई नवजात मां की छांव से वंचित हो गए। बच्चे मां के लिए रो रहे हैं। इनके आंखों में आंसुओं को देखकर पिता व दादा-दादी भी रोने के लिए विवश हो जा रहे हैं। गांव के लोगों को यह दर्दनाक दृश्य देखा नहीं जा रहा है। बहरहाल इन बच्चों को उनके दादा-दादी संभाल रहे हैं।

डा. इंद्रविजय विश्वकर्मा, सीएमओ ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति का प्रार्थना पत्र उन्हें मिला है। चिकित्सकों की टीम गठित कर प्रत्येक बिदु की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट में कमियां सामने आने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अंशुमान मिश्र, सीओ खलीलाबाद ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पीड़ित परिवार से अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है। वह स्थानीय पुलिस को मौके पर भेजकर मामले की जांच करेंगे। जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

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