बड़ा मुश्किल है कोहरे में इस चौराहा को पार करना

संतकबीर नगर : दुर्घटनाओं में हुई कई दर्जन लोगों की मौत और इनके महीनों तक गूंजता पीड़ित परिवारों का कर

By Edited By: Publish:Sun, 04 Dec 2016 10:06 PM (IST) Updated:Sun, 04 Dec 2016 10:06 PM (IST)
बड़ा मुश्किल है कोहरे में इस चौराहा को पार करना

संतकबीर नगर : दुर्घटनाओं में हुई कई दर्जन लोगों की मौत और इनके महीनों तक गूंजता पीड़ित परिवारों का करुण-क्रन्दन सुनकर पत्थर दिल भी पिघल जाता है पर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगता। हालात ऐसे हैं कि यहां न तो ओवरब्रिज है और न ही सोलर ट्रैफिक लाइट। घने कोहरे की चादर में बूधा हाईवे चौराहे को पार करने वालों की सांसें अब ऊपर-नीचे होने लगी हैं। बूधा कला, यहां से हाईवे पार करने वाले हर राहगीर को चौराहे पर मौत की आहट सुनाई देती है।

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 से सटा बूधा चौराहा हमेशा से ही दुर्घटनाओं के लिए चर्चा में बना हुआ है। कुछ वर्षों में कई दर्जन लोग इस चौराहे पर दुर्घटना के शिकार हुए और असमय ही काल के गाल में समा चुके हैं। सर्द मौसम की शुरुआत हो चुकी है और कोहरा धीरे-धीरे अपना रुख अख्तियार करने लगा है। कोहरे के घने होने के साथ ही इस चौराहे को पार करने वालों की मुश्किलें बढ़ने लगी है। चौराहे पर सोलर ट्रैफिक लाइट न होने से घने कोहरे में चौराहे को पार कर पाना मुश्किलों भरा है।

कृपाशंकर चौरसिया, अनिल पांडेय, जामवंत चौरसिया एवं गजेंद्र पांडेय आदि लोगों का कहना है कि रोज कई हजार लोग इस चौराहे को पार करते हैं। जिले के कई चौराहों पर सोलर ट्रैफिक लाइट लगाए गए हैं लेकिन बूधा चौराहा उपेक्षा का शिकार है। इक्का-दुक्का हादसे यहां पहले भी होते थे, लेकिन फोरलेन होने के बाद से हादसों की संख्या बढ़ गई। यहां ओवरब्रिज बनाया जाना भी जरूरी था। सोलर ट्रैफिक लाइट लगाया जाए तो हाईवे से गुजरने वाले वाहनों को यहां चौराहा होने का संकेत मिल सकेगा, जिससे वाहनो की रफ्तार कम होगी और दुर्घटनाओं के होने का खतरा भी कम हो सकेगा।

वर्ष 2011 जनवरी में बरात में आए बस्ती जनपद के ग्राम जिगिना बांसखोर के रहने वाले वृद्ध पंडित एवं नाई की मौत, दिसंबर 2013 में शौच के लिए गए बूधा कला की दो महिलाओं की एक साथ ट्रक से कुचलकर मौत, यहीं के श्यामदेव यादव की 2014 में हुई मौत एवं नवयुवक चंद्रभान शर्मा की वाहन से कुचलकर हुई दर्दनाक मौत। 2015 के मार्च में बूधा कला के पूर्व प्रधान प्रभूदयाल चौरसिया एवं नवयुवक अक्कड़ पुत्र लच्छू की मौत। तेज रफ्तार चार पहिया वाहन की चपेट में आने से घायल हुए रजापुर सरैया निवासी 50 वर्षीय महेंद्र पांडेय पुत्र फूल चंद्र पांडेय को बस्ती स्थित चिकित्सालय में इलाज के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी। 30 दिसंबर 2015 की सुबह ट्रक-टेंपो की भिड़ंत में टेंपो चालक लहुरादेवा निवासी 30 वर्षीय गजबदन उपाध्याय की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अतिरिक्त व पूर्व के कुछ वर्षों में शशि शुक्ल पुत्री गुलाब चंद्र , शेषमणि पुत्र राम चंद्र पाण्डेय, विशाल पुत्र द्वारिका, विनोद पुत्र हरिनारायण चौरसिया, कमालुद्दीन पुत्र इंसान अली सहित अन्य कई गांवों के लोग यहां सड़क पार करते समय अपनी जान गंवा चुके हैं।

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