भाईचारे की भावना सिखाना ही इस्लाम का मकसद

संत कबीर नगर : दुधारा क्षेत्र के जामिया अरबिया उमर फारुकी एजूकेशनल ट्रस्ट दरियाबाद में मंगलवार की र

By Edited By: Publish:Wed, 26 Nov 2014 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 26 Nov 2014 11:50 PM (IST)
भाईचारे की भावना सिखाना ही इस्लाम का मकसद

संत कबीर नगर : दुधारा क्षेत्र के जामिया अरबिया उमर फारुकी एजूकेशनल ट्रस्ट दरियाबाद में मंगलवार की रात शैक्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान इंग्लैंड से आए हाजी अब्दुल गफूर ने छात्रों को मौलाना आजाद, बिस्मिल और अशफाकुल्ला के विचारों को जीवन मे उतराने की नसीहत दी। भाइचारे की भावना सिखाना ही इस्लाम का मकसद है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपने “च्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने के लिए कहा।

हाजी गफूर ने कहा कि गरीबों की मदद करने के साथ ही मजहब के अनुसार रहकर समाज को सही रास्ते पर ले जाया जा सकता है। देश को मजबूत करने के लिए राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खां और मौलाना आजाद के विचारों पर चलने की आवश्यकता है। शहीदों का बलिदान कौमी एकता का सबूत है जिसे असामाजिक तत्व अनेक प्रकार से बिगाड़ने का प्रयास करते हैं। मदरसे के दीनी तालीम का कोई ताल्लुक आतंक से नहीं होता है और होना भी नहीं चाहिए। पूरी दुनिया ¨हदुस्तान के कौमी एकता को मिशाल मानती है। उन्होने कहा कि शिक्षा के बिना कोई भी समाज विकास नहीं कर सकता है। डा. एपीजे अब्दुल कलाम, डा. जाकिर हुसेन आदि ने “च्च शिक्षा प्राप्त करके ही देश के आला ओहदे पर पहुंचने मे कामयाबी पाई थी। उन्होने सभी से कौमी एकता को मजबूत करने के लिए प्रयास करने को कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता नुरुलहुदा कासमी ने किया। इस अवसर पर मु. नसीम, जुनैद अहमद, ओबैदुर्रहमान, जीशान, सलमान, मुसीर अहमद, जमाल अहमद, तौफीेक, आमिर समेत भारी संख्या मे लोग उपस्थित रहे।

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