शबे आशूर पर ख्यामे हुसैनी के मंजर सजे

गुरुवार नवी मोहर्रम पर कर्बला के शहीदों की याद में दिन भर अजादारी का सिलसिला जारी रहा। शाम को शबे आशूर पर ख्यामे हुसैनी के मंजर पेश किये गए। गमजदा माहौल में इमामबारगाह माकू़फा से नवी मोहर्रम का मातमी जुलूस निकाला गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 01:11 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 01:11 AM (IST)
शबे आशूर पर ख्यामे हुसैनी के मंजर सजे
शबे आशूर पर ख्यामे हुसैनी के मंजर सजे

सिरसी : गुरुवार नवीं मोहर्रम पर कर्बला के शहीदों की याद में दिन भर अजादारी का सिलसिला जारी रहा। शाम को शबे आशूर पर ख्यामे हुसैनी के मंजर पेश किये गए। गमजदा माहौल में इमामबारगाह माकू़फा से नवी मोहर्रम का मातमी जुलूस निकाला गया।

नवीं मोहर्रम की मजलिसों में हजरत इमाम हुसैन(अ.)के बेटे हजरत अली अकबर की शहादत बयान की गयी। मौलानाओं ने कहा कि हजरत अली अकबर की शक्ल पैगम्बर हजरत मोहम्मद (स) जैसी थी फिर भी उन्हें कर्बला में बेदर्दी से कत्ल कर दिया था शहादत का बयान सुनकर अजादार फूट-फूट कर रो पडे। नवी मोहर्रम का मातमी जुलूस इमाम बारगाह माकू़फा से निकाला गया। जुलुस में जुलजुनाह के आगे अंजुमने मुहाफिजे अजा, बहारे अजा, रौनके अजा, शमीमे ईमान, गुंचये इस्लाम आदि ने मातम और नोहा ख्वानी की जुलूस पुलिस चौकी, रोडवेज की ओर से होता हुआ देर रात इमाम बारगाह कला पहुंचकर सम्पन्न हुआ।

उधर मोहल्ला सादात में दरगाह पर ख्यामे हुसैनी के मंजर सजाये गये। जहां देर रात तक अकीदत मंदों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। रात शबे आशूर के रूप में मनाई गई। अकीदतमंदो ने न•ा्र दिलाकर मन्नते मांगी। शब्बेदारी कर मातम व नोहा ख्वानी की। नौ मोहर्रम की रात मदरसा जामेआ इमाम मेहंदी में आयोजित मजलिस को मौलाना इकतेदार मेहंदी ने खिताब फरमाया। गुन्नौर में निकाला मेहंदी का जुलूस

गुन्नौर: मोहर्रम की 8 तारीख को नगर में या हुसैन की सदाओं के साथ गमगीन माहौल में मेहंदी का जुलूस निकाला गया। अकीदतमंदों ने जुलूस में शामिल होकर मातम किया ।

जुलूस रात्रि दस बजे बड़ी ज्यारत से शुरू होकर नगर के मुख्य बाजार व मोहल्ला सराय में होते हुए मोहर्रम की 9 तारीख को सुबह पांच बजे बड़ी ज्यारात पर खत्म हुआ। जुलूस के आगे कलाकारों ने अंगारे भरी बनेतियों से अपने करतब दिखाये। उसके पीछे अकीदतमंद या हुसैन या हुसैन के नारे के साथ मातम करते रहे। उसके पीछे मरर्सिये पढ़ने वाले तथा सबसे पीछे आकर्षक मेहंदिया थी।

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