एक दूसरे के गले मिलकर बोले ईद मुबारक हो

चन्दौसी : रमजान माह की इबादतों के बाद सोमवार को ईद की नमाज अकीदत के साथ पढ़ी गई। बड़ी व छोटी ईदगाह सम

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jun 2017 12:50 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jun 2017 12:50 AM (IST)
एक दूसरे के गले मिलकर बोले ईद मुबारक हो
एक दूसरे के गले मिलकर बोले ईद मुबारक हो

चन्दौसी : रमजान माह की इबादतों के बाद सोमवार को ईद की नमाज अकीदत के साथ पढ़ी गई। बड़ी व छोटी ईदगाह समेत तमाम मस्जिदों मे ईद की नमाज पढ़ी गई। आखिर में मुल्क व कौम की सलामती के लिए दुआ की गई। नमाज के दौरान पुलिस प्रशासन की कड़ी चौकसी रही। इसके बाद एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू हो गया। बच्चों ने अपने से बड़ों से ईदी ली।

सुबह से शहर की सड़कों पर चहल पहल शुरु हो गई थी। नमाजी नये कपड़े पहनकर ईदगाह और मस्जिदों पर पहुंच गए। जहां पर ईदुल फितर की नमाज अदा की और अमनों अमान की सलामती के लिए दुआ की। खुर्जा गेट स्थित बड़ी ईदगाह पर शहर इमाम मौलाना नाजिम ने नमाज अदा कराई। शहर काजी हाजी मरगूब ने खुतबा पढ़ा। जकात के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। अलावा जामा मस्जिद, जारई गेट स्थित बड़ी मस्जिद समेत शहर के कई मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहे। एसडीएम अमित कुमार, सीओ अफसर अब्बास जैदी, तहसीलदार संजय कुशवाहा बड़ी ईदगाह पर मौजूद रहे। जबकि कोतवाली प्रभारी अनिल समानिया पुलिसबल के साथ शहर में गश्त करते रहे। मस्जिदों व ईदगाहों पर भी पुलिसबल तैनात था। व्यवस्था को लेकर नगर पालिका के कर्मचारी भी ईदगाह पर मौजूद थे। इस दौरान हाजी मुहम्मद ताहिर, मोहम्मद नजर कुरैशी, हाजी कलीम अनवर, बाबू हुसैन, मास्टर रफीक, साजिद कुरैशी, इफ्तेखार, काजी महबूब, रेनू कुमारी, बीएन दुबे, शाह आलम मंसूरी, फहीमुद्दीन, जफरुद्दीन, शरफुद्दीन, नूर अहमद, सतीश प्रेमी, अशफाक भारती आदि मौजूद रहे।

नरौली ईदगाह पर अदा की गई नमाज

चन्दौसी : नरौली ईदगाह पर सुबह साढ़े आठ बजे ईद की नमाज अदा की गई। जिसमे कस्बे व आस पास के क्षेत्रों से आये लोगों ने नमाज अदा की। बारगाहे इलाही में सैकड़ों हाथ उठे और कौम व मुल्क की तरक्की के लिए दुआएं मांगी गयी। नमाज के दौरान ईदगाह के चारों ओर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। शाही इमाम सद्दाम हुसैन ने नमाज अदा कराने के बाद लोगों को बताया कि जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक है वह गरीब असहाय लोगों की फितरा, जकात के अलावा भी हर संभव मदद करे। जिससे किसी गरीब को इस खुशियों के त्योहार पर मायूस न होना पड़े। किसी बेसहारा या गरीब की मदद करना खुदा को बेहद पसंद है।

chat bot
आपका साथी