किसानों की उम्मीदों के आगे छोटी पड़ी सौगातें

राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेक योजनाएं चलाए जाने के बावजूद किसान गन्ना मूल्य ब्याज सहित भुगतान न होने तथा डीजल पेट्रोल और बिजली के बढ़ें दामों आदि को लेकर परेशान हैं। प्रदेश सरकार द्वारा पेश किया गया बजट किसानों की अपेक्षाओं उतना खरा नहीं उतरा जितना की उनके द्वारा उम्मीदें की जा रही थी। किसानों को इस बात की उम्मीद थी कि शायद बजट में किसानों को ध्यान में रखकर खाद बीज डीजल आदि की समस्याओं पर कुछ गौर किया जाएगा। बिजली के दामों में शायद कुछ कमी जाए मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 11:57 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:11 AM (IST)
किसानों की उम्मीदों के आगे छोटी पड़ी सौगातें
किसानों की उम्मीदों के आगे छोटी पड़ी सौगातें

सहारनपुर जेएनएन। राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेक योजनाएं चलाए जाने के बावजूद किसान गन्ना मूल्य, ब्याज सहित भुगतान न होने तथा डीजल पेट्रोल और बिजली के बढ़ें दामों आदि को लेकर परेशान हैं। प्रदेश सरकार द्वारा पेश किया गया बजट किसानों की अपेक्षाओं उतना खरा नहीं उतरा जितना की उनके द्वारा उम्मीदें की जा रही थी। किसानों को इस बात की उम्मीद थी कि शायद बजट में किसानों को ध्यान में रखकर खाद, बीज, डीजल आदि की समस्याओं पर कुछ गौर किया जाएगा। बिजली के दामों में शायद कुछ कमी जाए, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

हाल ही में हुए दिल्ली चुनाव में जिस प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली की अपनी सभाओं में वहां की जनता को सुविधाएं देने की बात कही थी उसे देखकर यूपी के किसान इस बात की उम्मीद कर रहे थे कि शायद दिल्ली चुनाव के परिणाम आने के बाद अब यूपी सरकार अपने बजट में किसानों को ध्यान में रखकर उनकी जरुरतों को ध्यान में रखकर बजट तैयार करेगी। मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ है। गन्ना किसान आज भी अपने भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। 14 दिन में गन्ने के भुगतान के आदेश होने के बावजूद किसानों को तीन-तीन माह से उनके गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है। 14 दिन के भुगतान की बात की जाए तो अभी भी जनपद की छह चीनी मिलों पर चालू सत्र का 389 करोड़ रुपये बकाया हैं। मगर बजट में गन्ना भुगतान को लेकर किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है। न ही बकाया भुगतान पर ब्याज के लिए चीनी मिलों पर कोई आदेश जारी किया गया है। किसान के लिए खाद, बीज, कृषि यंत्र, बिजली आदि को सस्ता किया जाना अति आवश्यक है जो बजट में नहीं किया गया।

बजट में बाढ़ व सूखे तथा आपदा के अलावा किसानों को कर्ज से राहत के बेहतर विकल्प प्रदान किये जा सकते थे। कृषि को व्यापार का रूप देकर किसानों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मौत पर 10 लाख रुपए मुआवजा, स्थानीय स्तर पर बड़े सरकारी कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, कृषि में प्रयोग होने वाले यंत्रों पर सब्सिड़ी को पूर्व की तरह जारी रखा गया है। आज किसान की सबसे बड़ी जरुरत कृषि क्षेत्र में बिजली की जो दरें बेतहाशा बढ़ी हुई हैं, उन्हें कम किया जाना। खाद, बीज, ट्रैक्टर व अन्य उपकरणों पर किसानों को अधिक से अधिक सुविधाएं दिये जाने की है।

----------------- गन्ना किसान ग्राफिक्स

- जिले में गन्ने का कुल रकबा---1,3,00,79

- जिले में गन्ना किसान ------1.90 लाख किसान

- गन्ने का गन्ना उत्पादन ------780 लाख कुंतल

- जिले में चीनी मिलें -------कुल 8 मिल, चालू मिलें--6

- पेराई क्षमता -------4,27,500 कुंतल प्रतिदिन

- गत वर्ष बनी चीनी----------------50.03 लाख कुंतल

- गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति-------760.51 करोड़

chat bot
आपका साथी