ओडीओपी से जगी उम्मीद, मेगा क्लस्टर की मांग अधूरी

क्षा चिकित्सा शिक्षा समाज कल्याण विभाग समेत विभिन्न विभागों के बजट में कई गुना वृद्धि हुई है। यही नहीं गन्ने का समर्थन मूल्य 325 रुपये किए जाने के साथ ही इस बार पुलिसकर्मियों के आवास को भी बेहतर करने के लिए बजट दिया है। आईआईए के संस्थापक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामजी सुनेजा ने बताया कि वित्त मंत्री ने बजट में एमएसएमई का नाम जरूर लिया लेकिन इसके लेकर कितना बजट और क्या योजना है यह अभी स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट) के लिए 250 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा स्वागत योग्य है। इससे जिले के हिस्से में जो भी आएगा उससे उद्योग आगे जरूर बढ़ेगा। एक जिला एक उत्पाद को आगे बढ़ाने की योजना के तहत ही प्रदेश सरकार ने पहली बार इतना बजट दिया है इसका स्वागत है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 11:56 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:11 AM (IST)
ओडीओपी से जगी उम्मीद, मेगा क्लस्टर की मांग अधूरी
ओडीओपी से जगी उम्मीद, मेगा क्लस्टर की मांग अधूरी

सहारनपुर जेएनएन। प्रदेश सरकार ने अपने चौथे बजट के माध्यम से हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। तमाम परियोजनाओं को परवान चढ़ाने को भारी बजट की घोषणा की गई है। प्रदेश में उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए एक जिला एक उत्पाद के लिए 250 करोड़ रुपये देने का एलान किया है। इससे सहारनपुर के वुड कार्विग उद्योग को आस जगी है। हालांकि एमएसएमई का जिक्र बजट में जरूर हुआ है, लेकिन इसे लेकर क्या योजना है, अभी स्पष्ट नहीं है। जिले के उद्यमी इसी प्रतीक्षा में हैं।

प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को पेश किए बजट में किसान, नौजवान व बेरोजगार समेत सबका ख्याल रखा है। यह बजट सबका साथ सबका विकास के दावे को पूरा करने वाला बताया गया है। शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, समाज कल्याण विभाग समेत विभिन्न विभागों के बजट में कई गुना वृद्धि हुई है। यही नहीं गन्ने का समर्थन मूल्य 325 रुपये किए जाने के साथ ही इस बार पुलिसकर्मियों के आवास को भी बेहतर करने के लिए बजट दिया है।

आइआइए के संस्थापक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामजी सुनेजा ने बताया कि वित्त मंत्री ने बजट में एमएसएमई का नाम जरूर लिया लेकिन इसे लेकर कितना बजट और क्या योजना है, यह अभी स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट) के लिए 250 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा स्वागत योग्य है। इससे जिले के हिस्से में जो भी आएगा उससे उद्योग आगे जरूर बढ़ेगा। एक जिला एक उत्पाद को आगे बढ़ाने की योजना के तहत ही प्रदेश सरकार ने पहली बार इतना बजट दिया है, इसका स्वागत है।

सालों पुरानी है मेगा कलस्टर स्थापित करने की मांग

सहारनपुर वुड कार्विग मेन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शेख फैजान व उपाध्यक्ष साबिर अली खान का कहना है कि वुडकार्विग की सबसे बड़ी समस्या यहां आज तक भी वुडकार्विंग का मेगा कलस्टर न बनना है। चार सौ साल पुराना यह उद्योग आज भी अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। कच्चे माल की उपलब्धता न होने के कारण निर्यातकों को बाहर से माल मंगाना पड़ता है। इतना ही नहीं वुडकार्विंग सिटी कहलाने वाले शहर में आज तक लकड़ी का गोदाम तक नहीं है। जबकि इस उद्योग से जुड़े लोग पूर्व की सभी सरकारों से अपनी समस्या बता चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। निर्यातकों की माने तो वुडकार्विंग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। इससे एक हजार करोड़ का निर्यात होता है। विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। मेगा कलस्टर स्थापित करने की मांग चली आ रही है लेकिन इस बार के बजट में भी निराशा ही हाथ लगी।

सहारनपुर का व्यापार

उद्योगों और व्यापार के ²ष्टिकोण से क्षेत्र का बहुत महत्व है। यह क्षेत्र कृषि आधारित और औद्योगिक वस्तुओं का उत्पादन करता है जोकि देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जाते हैं, जिससे व्यापार फलता-फूलता है। इसे तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। यहां से माल निर्यात करने के अलावा यहां पर कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट, नमक, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, तिलहन और चमड़ा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और बिहार से आयात भी किए जाते है।

खाद्य में अनाज, सब्जियां और फल, दूध और दूध-उत्पाद।

एग्रो आधारित इंडस्ट्रीज-चीनी, गुड (कपास) टेक्सटाइल और सिगरेट सबसे महत्वपूर्ण उद्योग है।

-औद्योगिक सामान- पेपर, गन्ना, होजरी सामग्री और लकड़ी नक्काशी।

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