विकराल हुई जाम की समस्या, बेहाल हो रही जिदगी

सहारनपुर में विकराल हो चुकी जाम की समस्या के प्रति यातायात पुलिस परिवहन विभाग व नगर निगम के ढुलमुल रवैये के कारण वर्षों बाद भी निजात नहीं मिल पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Dec 2019 10:41 PM (IST) Updated:Mon, 02 Dec 2019 10:41 PM (IST)
विकराल हुई जाम की समस्या, बेहाल हो रही जिदगी
विकराल हुई जाम की समस्या, बेहाल हो रही जिदगी

सहारनपुर जेएनएन। सहारनपुर में विकराल हो चुकी जाम की समस्या के प्रति यातायात पुलिस, परिवहन विभाग व नगर निगम के ढुलमुल रवैये के कारण वर्षों बाद भी निजात नहीं मिल पा रही है। रोजाना ही लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं तथा जिदगी बेहाल होकर रह गई है।

महानगर में जाम की समस्या कोई नई नहीं है। पिछले करीब 8 वर्षों से पूरा शहर जाम से आजिज आ चुका है। हालात यह है कि मुख्य मार्गों के अलावा हाईवे व बाजारों में लगने वाले जाम से व्यापारी तक त्राहिमाम कर रहे हैं, तथा उनका कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। ऐसा नहीं है कि जाम से निपटने के लिए कभी कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई। यातायात पुलिस हर वर्ष चौराहों से लेकर मुख्य मार्गों तक का खाका खींचती रही है, लेकिन अभी तक चौराहों पर नए इलेक्ट्रिक ट्रैफिक कंट्रोल सिग्नल लगवाना तो दूर वर्षो पूर्व लगे इलेक्ट्रिक सिग्नल को ठीक तक नहीं करा पाई है। यही कारण है कि स्मार्ट सिटी के एक भी चौराहे पर इलेक्ट्रिक सिग्नल से ट्रैफिक कंट्रोल नहीं किया जाता। जहां है उधर परिवहन विभाग तो इस ओर से पूरी तरह आंखें मूंदे है तथा आटो आदि के रूट तक निर्धारित नहीं कर रहा है। स्मार्ट सिटी विकसित करने का दावा करने वाला नगर निगम 10 वर्ष के कार्यकाल में एक भी सड़क को अतिक्रमण अथवा अवैध कब्जा मुक्त नहीं करा पाया है, जिसके कारण जाम तो लगता ही है एक सप्ताह के दौरान इन मार्गों पर सड़क हादसों में दो महिलाओं की मौत हो चुकी है।

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यह हैं जाम लगने के कारण

-चौराहों व मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक कंट्रोल की उचित व्यवस्था न होना

-दिन के समय भारी वाहनों को महानगर में प्रवेश की छूट देना

-चौराहों व मुख्य मार्गों पर 20-20 फुट अतिक्रमण व कब्जे होना

-हाइवे पर अनाधिकृत वाहनों को संचालन की छूट देना

-आटो टेंपों का मनचाहा संचालन किया जाना

-ई-रिक्शा व आटो के रूट निर्धारित नहीं होना

-सड़कों पर बड़ी तादाद में वाहन पार्क रहना

-वाहन पार्किग का पूरी तरह से अभाव होना

-बाजारों में आटो, ई-रिक्शा के अलावा चौपहिया वाहनों को छूट देना

-बाईपास व रिग रोड का अभाव होना

-ट्रैफिक पुलिस व निगम का समस्या निराकरण की बजाए कमाई पर ध्यान देना।

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ऐसे हो सकता है समस्या का निदान

-पूर्व की भांति दिन में भारी वाहनों के महानगर में प्रवेश पर लगे रोक

-टेंपों व चौपहिया स्टैंड की हो व्यवस्था

-ई-रिक्शा के अलावा आटो के भी हों रूट निर्धारित

-बाजारों में ई-रिक्शा, आटो व चौपहिया वाहनों के प्रवेश लगे रोक

-बाजारों में झोटा बुग्गी, तांगा व ठेलों पर दिन में हो पाबंदी

-हाइवे व मुख्य मार्गों पर कब्जे व अतिक्रमण करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

-चौराहों अथवा सड़क किनारे सवारियां उतारने चढ़ाने पर हो कार्रवाई

-सड़कों पर वाहन पार्क करने पर हो कड़ी कार्रवाई

-पीआरडी की बजाएं ट्रैफिक पुलिस संभाले ट्रैफिक व्यवस्था

-बाईपास का निर्माण जल्द कराया जाये पूरा

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इनका कहना है..

भारी वाहनों के आवागमन के कारण जाम की समस्या बढ़ी है। बाईपास का निर्माण चल रहा है, ट्रैफिक व्यवस्था सुधार को कार्ययोजना तैयार की गई है जल्द ही लागू कराया जायेगा।

-विनीत भटनागर, एसपी सिटी सहारनपुर। ------

स्मार्ट सिटी योजना में तमाम चौराहों व मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाए जायेंगे। कैमरों के माध्यम से ट्रैफिक पर नजर व कंट्रोल करने को कंट्रोल रूम का निर्माण कराया जा रहा है। सड़कों अतिक्रमण व कब्जामुक्त करने को अभियान चलाया जा रहा है। ठेली आदि के लिए वेंडिग जोन के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है।

-ज्ञानेन्द्र सिंह नगर आयुक्त सहारनपुर।

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