गड्ढों में तब्दील हुआ दून हाईवे

जागरण संवाददाता, सहारनपुर : मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यानाथ ने सड़कों को गड्ढा मुक्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 10:32 PM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 10:32 PM (IST)
गड्ढों में तब्दील हुआ दून हाईवे
गड्ढों में तब्दील हुआ दून हाईवे

जागरण संवाददाता, सहारनपुर : मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यानाथ ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश दिए थे। मगर जनपद में उनके आदेश की हवा ही निकल गई। हाईवे पूरी तरह गड्ढों में तब्दील होते जा रहे हैं। सरकार के गड्ढा मुक्ति अभियान में बरसात सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो रही है। जिन गड्ढों को भरने का प्रयास किया जाता है, हल्की सी बारिश उन गड्ढों के जख्मों को फिर से हरा कर देती है और गड्ढा रूपी कोढ़ हाईवे पर नजर आने लगता है।

उत्तराखंड को यूपी, हरियाणा व पंजाब से जोड़ने वाले देहरादून हाईवे की बात करें तो इन दिनों इसमें बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। बारिश का पानी जमा होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस बार रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश के कारण बने बड़े-बड़े गड्ढों ने हाईवे की सूरत बिगाड़ दी है। कांवड़ यात्रा के दौरान गड्ढों में भरी मिट्टी, पत्थर व बजरी भी बाहर निकल आई है, जो हाईवे पर चलने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। ऐसा नहीं कि प्रशासन ने गड्ढों को भरवाने का प्रयास नहीं किया। कांवड़ यात्रा के दौरान दो बार सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चलाया गया, लेकिन सड़कों की हालत सुधरने की बजाय बिगड़ती ही जा रही है। निरंकारी भवन के पास जलभराव से सड़क बुरी तरह कट गई और गहरे गड्ढे बन गए। गागलहेड़ी थाने के पास भी सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। शहर की दूरी तय करने में लग रहा अधिक समय

गड्ढों के कारण किसी भी शहर की दूरी तय करने में अधिक समय खर्च हो रहा है, जबकि वाहनों का मेंटिनेंस कहीं अधिक बढ़ गया है। लोगो का कहना है कि हाईवे की इतनी दुर्दशा उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। सड़क दूधली, नौगजा पीर, कैलाशपुर तथा गागलहेड़ी थाने के पास सड़क बूरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। इनका कहना है..

इस बार लगातार बरसात होने के कारण बार-बार गड्ढे भरने के बावजूद अभियान भी कारगर साबित नहीं हो रहा है और सड़कों में हुए गड्ढों से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मगर मानसून की समाप्ति के पश्चात जैसे ही प्लांट चालू होंगे तो इस सड़क को एक ही बार में तैयार किया जाएगा।

एसके वर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआई।

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