सुरक्षित रहना है तो हेलमेट लगाओ: अपर्णा गुप्ता

जनपद में निरंतर हो रहे हादसों में रोजना किसी न किसी की मौत हो रही है। मौत की बड़ी वजह दुपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट न पहना है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 11:16 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 06:05 AM (IST)
सुरक्षित रहना है तो हेलमेट लगाओ: अपर्णा गुप्ता
सुरक्षित रहना है तो हेलमेट लगाओ: अपर्णा गुप्ता

सहारनपुर, जेएनएन। जनपद में निरंतर हो रहे हादसों में रोजना किसी न किसी की मौत हो रही है। मौत की बड़ी वजह दुपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट न पहना है। सड़क दुर्घटना होने पर भी लोगों की जान बच सकती, लेकिन इस बात को समझने को कोई तैयार नहीं हैं। शनिवार को नगर के सहारनपुर पब्लिक स्कूल में यातायात माह के तहत हुए कार्यक्रम में एसपी ट्रैफिक अपर्णा गुप्ता ने छात्र-छात्राओं के माध्यम से अभिभावकों को संदेश देने की कोशिश की कि सभी यह ठान लें कि बना हेलमेट दुपहिया वाहन न तो चलाएंगे और न ही चलाने देंगे। इसके बाद स्कूल यातायात नियमों को लेकर चित्रकला प्रतियोगिता हुई। कार्यक्रम में स्कूल प्रधानाचार्य सुधीर कुमार जोशी व प्रोग्रेसिव स्कूल सोसायटी का संयोजक सुरेंद्र चौहान तथा टीएसआई पवन कुमार तोमर आदि उपस्थित रहे।

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इन बातों का रखें ध्यान

-दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें

-दोपहिया वाहन चलाते समय ईयरफोन का इस्तेमाल न करें

-जल्दी ऑफिस या घर पहुंचने के चक्कर में गलत तरीके से किसी वाहन को ओवरटेक न करें।

-रात में वाहनों की स्पीड हल्की रखें, साथ ही ओवरटेक से बचें।

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आइएसआइ मार्का हेलमेट की यह है खूबी

बाजार में एक से बढ़कर एक हेलमेट मौजूद हैं। ओरिजनल हेलमेट से साथ-साथ काफी डुप्लीकेट और लोकल हेलमेट खुलेआम बिक रहे हैं, कम कीमत की वजह से लोग इस तरह के हेलमेट को खरीद भी लेते हैं। हेलमेट हमेशा ओरिजिनल ही खरीदें। ----

इनका कहना है..

हमेशा आइएसआइ मार्क वाला ही हेलमेट खरीदना और पहनना चाहिए, नकली हेलमेट बेचना, नकली दवाई बेचने के समान है। इसलिए हमेशा ओरिजिनल हेलमेट ही खरीदें और पहनें, ताकि आप हमेशा सेफ रहें। हेलमेट पहनने में किसी को शर्म नहीं आनी चाहिए।

अपर्णा गुप्ता, एसपी ट्रैफिक। ----

इन दिनों हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। शहर में प्रतिदिन चालान होते हैं, लेकिन लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। कुछ लोग ही ऐसे हैं, जो यातायात नियमों का पालन करने में गर्व महसूस करते हैं, मगर इनकी संख्या बहुत कम है। यहां ऐसे लोगों की संख्या अनगिनत है, जो यातायात नियमों को तोड़ने में ही अपनी शान समझते हैं।

-तेज प्रताप सिंह , टीआई।

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