कागजों में हेराफेरी कर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए कब्जाई थी जमीन, आजम खां को कोर्ट से मिला झटका Rampur News

जिला शासकीय अधिवक्ता दलविंदर सिंह डंपी ने बताया कि कोर्ट ने मुकदमे से संबंधित केस डायरी तलब की थी जो नहीं पहुंची। इस पर समय की मांग की थी। अदालत ने 22 अक्टूबर नियत की है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 12:31 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 01:30 PM (IST)
कागजों में हेराफेरी कर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए कब्जाई थी जमीन, आजम खां को कोर्ट से मिला झटका Rampur News
कागजों में हेराफेरी कर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए कब्जाई थी जमीन, आजम खां को कोर्ट से मिला झटका Rampur News

रामपुर, जेएनएन। कागजों में हेराफेरी कर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए शत्रु संपत्ति कब्जाने के आरोप में फंसे आजम खां की अग्रिम जमानत अर्जी जिला जज की कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की भी अग्रिम जमानत पहले खारिज हो चुकी है। 

दो माह पहले अजीमनगर थाने में सपा सांसद, उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा, बेटे विधायक अब्दुल्ला, शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूखी समेत नौ लोगों के खिलाफ शत्रु संपत्ति कब्जाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप था कि सपा शासनकाल में आजम खां ने अपने मंत्री रहते वक्फ बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से कागजों में हेराफेरी करके शत्रु संपत्ति को अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया था। इस मुकदमे में गिरफ्तारी से बचने के लिए सांसद ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला जज के न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। याचिका पर अभियोजन की ओर से आपत्ति दर्ज की गई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता दलङ्क्षवदर ङ्क्षसह डंपी ने बताया कि कोर्ट ने सांसद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। 

केस डायरी नहीं पहुंची कोर्ट, आजम की अग्रिम जमानत पर टली सुनवाई

जिला सहकारी विकास संघ (डीसीडीएफ) की दुकानों के मामले में केस डायरी कोर्ट नहीं पहुंचने के कारण सांसद आजम खां की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट अब 22 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। डीसीडीएफ की रेलवे स्टेशन रोड स्थित दुकानों पर पहले क्वालिटी बार हुआ करता था। बार का संचालन बीपी कालोनी निवासी गगन लाल अरोरा पुुत्र हर नारायन द्वारा किया जाता था। बार संचालक ने करीब एक माह पहले सिविल लाइंस कोतवाली में जबरन दुकान में घुसकर तोडफ़ोड़ करने और लूटपाट की धारा में सांसद व अन्य के खिलाफ मुकदमा कराया था। आरोप था कि वर्ष 2013 में प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खां तब मंत्री थे। 13 फरवरी 2013 को आजम खां के साथ सेवानिवृत सीओ आले हसन खां (तब सिविल लाइंस थाना प्रभारी थे), जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन चेयरमैन मास्टर जाफर और संघ के सचिव कामिल खां दुकान पर आए। उनके साथ सिविल लाइंस थाने की फोर्स भी थी।

 उन्होंने आते ही दुकान का सामान फेंकना शुरू कर दिया। पूछने पर कहने लगे कि यह दुकान सांसद आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा के नाम आवंटित होनी है। इसे खाली कर दो। इसके बाद आरोपितों ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए दुकान जबरन खाली करा ली। दुकान का सामान सड़क पर फेंक दिया। इससे उनका करीब दो लाख रुपये का नुकसान हो गया। दुकान के गल्ले में रखे 16500 रुपये भी लूट ले गए।

 बाद में पता चला कि डीसीडीएफ ने उन्हें बेदखल कर दुकान सांसद की पत्नी के नाम आवंटित कर दी है। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने को सांसद ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। गुरुवार को याचिका पर सुनवाई हुई। 

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