चारों ओर बिखरे थे जवानों के क्षत-विक्षत शव

ने वाले जवान महेश चौधरी ने बयां किया हाल, बोले बेहद खौफनाक था मंजर जागरण संवाददाता, रामपुर : बहुत खौफनाक था वहां का मंजर। चारों ओर जवानों के क्षत-विक्षत शव बिखरे पड़े थे। कुछ शव इतनी बुरी हालत में

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 12:19 AM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 12:19 AM (IST)
चारों ओर बिखरे थे जवानों के क्षत-विक्षत शव
चारों ओर बिखरे थे जवानों के क्षत-विक्षत शव

रामपुर के रहने वाले जवान महेश चौधरी ने बयां किया हाल, बोले बेहद खौफनाक था मंजर

जागरण संवाददाता, रामपुर : बहुत खौफनाक था वहां का मंजर। चारों ओर जवानों के क्षत-विक्षत शव बिखरे पड़े थे। कुछ शव इतनी बुरी हालत में थे कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल हो रहा था। यह मंजर बयां किया रामपुर के ही महेश चौधरी ने। रामनाथ कालोनी निवासी महेश सीआरपीएफ में हैं और वर्तमान में श्रीनगर में ही तैनात हैं। उनकी तैनाती पुलवामा से करीब 90 किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि घटना के समय वह पुलवामा से 30 किलोमीटर दूर कुछ काम से आए थे। हमले के बाद सभी को तुरंत पुलवामा पहुंचने के आदेश मिले। वहां पहुंचकर जो मंजर देखा, उससे रोंगटे खड़े हो गए। चारों ओर जवानों के शव बिखरे हुए थे। कुछ जवानों के शव इतनी बुरी हालत में थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी। शवों के टुकड़े बिखरे हुए थे। किसी का हाथ पड़ा था तो किसी का धड़। इस हमले की जानकारी मीडिया के जरिए पूरे देश को हो गई थी। जवानों के परिजन उन्हें फोन कर कुशलक्षेम जानना चाहते थे। शहीद जवानों के शवों के पास उनके मोबाइल फोन बज रहे थे। राहत और बचाव में लगे जवानों ने जब उनके फोन उठाए तो किसी की मां तो किसी की पत्नी और बहन की आवाज सुनाई दी। सभी जवानों की खैरियत जानना चाहते थे। उन्हें यह बताना कि उनका बेटा, भाई या पति अब जीवित नहीं है, यह बताना मुश्किल हो रहा था। खुद उनकी कुलशक्षेम जानने के लिए परिवार और रिश्तेदारों के फोन आ रहे थे। शहीद जवानों के शव उठाने में 24 घंटे का समय लग गया। कुछ जवानों के तो टुकड़े ही मिले। उन्हें ही बटोरना पड़ा। शुक्रवार शाम को सभी जवानों के शवों को श्रीनगर एयरपोर्ट लाया गया, जहां से उन्हें दिल्ली के लिए रवाना कर दिया।

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