रामपुर के अधिकारी मुझे चुनाव हराने और मारने को आए : आजम

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और गठबंधन उम्मीदवार मोहम्मद आजम खान ने कहा कि रामपुर के सारे अधिकारी मुझे चुनाव हराने और मारने के लिए आए हैं। वह कस्बे में भूरे शाह मियां की मजार के पास उर्स के मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे व मेरे परिवार के सारे लाइसेंस खारिज कर दिए गए। मुझे मारने के लिए मोदी और योगी सरकार तथा रामपुर का प्रशासन मेरी हत्या के लिए साजिश रच रहा है। कहा कि यह अधिकारी बेइमानी तथा मशीनों के साथ खिलवाड़ तथा मशीनों को खराब करेंगे मशीन और उसके साथ चोरी करेंगे।कहां कि रामपुर में उर्दू दरवाजे को खूनी दरवाजा बनाने की साजिश की गई। यह दरवाजा सरकार के रुपये से बना था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Apr 2019 10:41 PM (IST) Updated:Mon, 08 Apr 2019 06:20 AM (IST)
रामपुर के अधिकारी मुझे चुनाव हराने और मारने को आए : आजम
रामपुर के अधिकारी मुझे चुनाव हराने और मारने को आए : आजम

जागरण संवाददाता, सैफनी (रामपुर): समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सपा प्रत्याशी आजम खां ने कहा कि रामपुर के अधिकारी मुझे चुनाव हराने और मारने के लिए आए हैं।

कस्बे में भूरे शाह मियां की मजार के पास उर्स के मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे व मेरे परिवार के सारे लाइसेंस खारिज कर दिए गए। मुझे मारने के लिए मोदी और योगी सरकार तथा रामपुर का प्रशासन मेरी हत्या के लिए साजिश रच रहा है। कहा कि ये अधिकारी बेइमानी तथा मशीनों के साथ खिलवाड़ तथा मशीनों को खराब करेंगे। मशीन और उसके साथ चोरी करेंगे। रामपुर में उर्दू दरवाजे को खूनी दरवाजा बनाने की साजिश की गई। यह दरवाजा सरकार के रुपये से बना था। कलेक्टर साहब आए और चौथे दिन आने के बाद पूरे रामपुर में तहलका और आतंक मचा दिया। उर्दू गेट को गिरवा दिया। यह सोचकर कि उर्दू से मोहब्बत करने वाले निकल कर आएंगे और रायफलों से सीने छलनी कर दिए जाएंगे, बताओ यह साजिश थी या नहीं। अगर मेरी मौत चाहते हो तो मुझे परदेसी से मत मरवाओ। यह लड़ाई किसी को सांसद बनाने की नहीं, बल्कि लड़ाई है हिदुस्तान को कायम रखने की।कुछ लोग हैं जो हिदुस्तान के इतिहास को मिटाना चाहते हैं। उन्होंने अवाम से मतदान वाले दिन सौ फीसदी वोट डालने का आह्वान किया। विधायक अब्दुल्ला आजम खां, बसपा नेता राधेश्याम राही, डॉ. शराफत अली खां, फै•ान खां, अब्दुल रऊफ एडवोकेट, दिलशाद अल्वी, शाहिद हुसैन, जुल्फिकार अली भुट्टो, भूरा अंसारी, खलील अहमद, इन्तजार पाशा आदि शामिल रहे।

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