चौहद्दी के अंदर लगाएं सामान आढ़ती : एसडीएम

चौहद्दी के अंदर लगाएं सामान आढ़ती एसडीएम

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Jan 2020 11:18 PM (IST) Updated:Sun, 19 Jan 2020 11:18 PM (IST)
चौहद्दी के अंदर लगाएं सामान आढ़ती : एसडीएम
चौहद्दी के अंदर लगाएं सामान आढ़ती : एसडीएम

जागरण संवाददाता, स्वार : बिलासपुर तिराहे पर लगने वाली सब्जी मंडी से लगने वाले जाम को लेकर एसडीएम व सीओ ने संयुक्त रूप से आढ़तियों से वार्ता कर चौहद्दी के अंदर लगाने की चेतावनी दी है। ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।नगर के बिलासपुर तिराहे पर आढ़तियों द्वारा लगभग चार दशकों से सब्जी मंडी लगाई जाती है।दूरदराज के किसान अपनी सब्जी लेकर बेचने व व्यापारी खरीदने आते हैं। किसानों व व्यापारियों समेत प्राइवेट बस, ई-रिक्शा, टेंपो आदि सवारियों को मार्ग पर आड़ा-तिरछा खड़ा करने से रोजमर्रा जाम लगता है, जिसमें तहसील मुख्यालय जाने वाले प्रशासनिक अधिकारी या स्कूल पढ़ने जाने वाले छात्र-छात्राओं समेत राहगीर, दोपहिया वाहनों को जाम का शिकार होना पड़ता है। प्रशासन एवं पुलिस संयुक्त रूप से अभियान चला आढ़तियों से लगातार वार्ता कर सब्जी मंडी स्थल को विस्थापित करने के साथ ही जुर्माना भी वसूल कार्रवाई करते हैं। कोतवाली मार्ग, गंगादास की पुलिया, मुख्य बाजार, घास मंडी आदि मार्गों पर दुकानदारों द्वारा दुकान के सामने सामान रखने से मार्गों ने पंगडंडी का रूप धारणकर लिया है।सीएचसी पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दो दिन से लगातार प्रशासन एवं पुलिस द्वारा सुबह मंडी पहुंच चौहद्दी के अंदर मंडी लगवा दी जाती है, जिससे आढ़ती खासे परेशान हैं।किसानों को अपनी सब्जी बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को एसडीएम राकेश कुमार गुप्ता व सीओ ब्रहमपाल सिंह ने कोतवाली परिसर में सभी आढ़तियों से वार्ता की और जाम से निजात दिलाने के लिए किसी भी कीमत पर मंडी नहीं लगाने की चेतावनी दी। आढ़तियों ने वार्ता के दौरान एक सप्ताह का समय मांगा।मंडी स्थल के लिए जमीन खरीद मंडी स्थल विस्थापित करने की मांग की। एसडीएम राकेश कुमार गुप्ता ने आढ़तियों को चौहद्दी के अंदर ही आढ़त लगाने के निर्देश दिए, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी है। व्यापार मंडल के नगराध्यक्ष हाजी शमीम अहमद शम्सी, अतीक अहमद अंसारी, आढ़ती हामिद गोल्डन, लक्ष्मीकांत सैनी, कौसर खां, नौबतराम सैनी, आसिफ, अहसाम खां, गुड्डू सैनी, उमेश, धर्मेंद्र सैनी, बाबूराम सैनी आदि रहे।

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