रोडवेज बस सेवा नहीं चलने से यात्री परेशान

प्राइवेट बस संचालक वसूलते हैं मनमाना किराया

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Nov 2019 11:20 PM (IST) Updated:Thu, 28 Nov 2019 06:08 AM (IST)
रोडवेज बस सेवा नहीं चलने से यात्री परेशान
रोडवेज बस सेवा नहीं चलने से यात्री परेशान

जागरण संवाददाता, टांडा : नगर में रोडवेज बस सेवा न होने से यात्रियों को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्राइवेट बस संचालक मनमानी कर यात्रियों से दबंगई कर किराया वसूलते हैं। रोडवेज बसें भी नहीं चलने देते हैं। नगरवासियों में रोष व्याप्त है। नगर में रोडवेज बस सेवा का संचालन मुरादाबाद-बाजपुर, दिल्ली-बाजपुर तथा नैनीताल-दिल्ली आदि के लिए कई बसों का संचालन हो रहा था। यात्रियों को काफी सुविधा थी। इस बीच प्राइवेट बस संचालकों ने रोडवेज ड्राइवरों से बदसलूकी शुरु कर दी। बस स्टैंड पर रोडवेज बसें रोकने पर उनसे अभद्र व्यवहार करने लगे। बात नहीं बनी तो बस संचालकों ने परिवहन कार्यालय में अधिकारियों से साठगांठ शुरू कर दी। रोडवेज बस ड्राइवर आदि को भी शामिल कर लिया। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने घाटा दिखाकर बसों का संचालन बंद कर दिया। टांडा-बाजपुर-मुरादाबाद मार्ग पर चलने वाली प्राइवेट बसों की संख्या 50 से अधिक है। रोजाना कई चक्कर लगाती हैं। हर बार बसों में सवारियां खड़ी होकर जाती हैं। वर्तमान में मात्र दिल्ली-नैनीताल जाने वाली दो बसें ही चल रही हैं। दिन में कोई भी रोडवेज बस नहीं हैं। वह आसपास के क्षेत्र से मुरादाबाद-दिल्ली प्रतिदिन जाने वालों यात्रियों व कारोबारियों की संख्या हजारों में होती है। रोडवेज बसों के संचालन में सबसे बड़ी बाधा नगर में कोई निर्धारित स्टॉप व बस स्टैंड न होने से आती है। अधिकतर बसें मुरादाबाद रोड पर थाने के पास रुकती हैं। रोडवेज बसों के रुकने का निश्चित स्थान नहीं है। यात्री इधर-उधर भागते रहते हैं। कभी- कभी प्राइवेट बस संचालकों के साठगांठ के कारण बिना रुके ही बसें आगे बढ़ जाती हैं। यात्री बसों का इन्तजार ही करते रह जाते हैं।

पालिकाध्यक्ष महनाज जहां ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री को रोडवेज बसों का संचालन करने की मांग करते हुए पत्र प्रेषित किया था। उनका कहना है कि उनकी मांग पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम रामपुर द्वारा बसों की संख्या तथा बस स्टैंड को जमीन दिए जाने व समय सारिणी की मांग की थी। पालिकाध्यक्ष महनाज जहां ने बस स्टैंड के लिए जमीन चिन्हित करने के साथ ही संख्या व बसों के संचालन को समय सारिणी भी भेजी थी। इसके बावजूद अधिकारी फिर से इस मामले में शांत बैठे हैं। किसी प्रकार का कोई जवाब भी नहीं आया है।

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