बाहर से लौटे मजदूरों की सांसत में फंसी है जान

बाहर से घरों को लौटे मजदूर परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 11:26 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 11:26 PM (IST)
बाहर से लौटे मजदूरों की सांसत में फंसी है जान
बाहर से लौटे मजदूरों की सांसत में फंसी है जान

रामपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में हुए लॉकडाउन ने सबको ही प्रभावित किया है। सबसे बड़ी मुश्किल उन श्रमिकों के आगे आ खड़ी हुई है जो दो जून की रोटी कमाने के लिए घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर जा बसे थे। लॉकडाउन हुआ तो जहां काम करते थे, वहां के मालिकों ने बिना पैसे दिए काम से निकाल दिया। मकान मालिक ने किराया लेकर कमरा खाली करवा लिया। ऐसे में इन मुसीबत के मारों के पास घर लौटने के सिवा और कोई चारा शेष नहीं बचा था। घर लौटे तो पास में मौजूद पैसों से छोटा-मोटा काम शुरू किया, लेकिन वह उन्हें रास नहीं आया। अपने गांव में औसत नहीं निकल पा रहा और पड़ोसी गांव जाएं तो वहां के लोग कोरोना के चक्कर में उन्हें धक्के मार कर गांव से बाहर निकाल दे रहे हैं। मनरेगा कार्ड बने नहीं हैं। ऐसे में उनकी जीवनचर्या बड़ी ही मुश्किल में आ फंसी है। ऐसे ही कुछ मजदूरों ने अपनी पीड़ा कुछ इस तरह बताई। दिल्ली के संगम विहार में फल बेचते थे। लॉकडाउन में मकान मालिक ने कमरा खाली करा लिया। घर आए तो रोटी के लाले पड़ने लगे। पास में कुछ पैसे थे, उन से सब्जी खरीद कर ठेला लगाने लगे। गांव में शाम तक खर्च के पैसे नहीं निकल पाते। बची सब्जी फेंकनी पड़ती है। इससे बहुत नुकसान होता है।

राहिल, लोहा पट्टी भोलानाथ दिल्ली के करोल बाग में चप्पल के कारखाने में काम करते थे। लॉकडाउन हुआ तो अचानक ऐसा लगा जैसे कोई जलजला सा आया हो। अफरा-तफरी के माहौल में मालिक ने बिना पैसे दिए भगा दिया। घर आए तो कोई काम नहीं मिल रहा था। मनरेगा कार्ड बना नहीं है। ऐसे में घर पर खाली बैठे हैं।

दानिश, लोहा पट्टी भोलानाथ राजस्थान में इन्वर्टर और आरओ की एजेंसी पर इलेक्ट्रिशियन का काम करते थे। कमरा ले रखा था, जिस में परिवार के साथ रहते थे। लॉकडाउन हुआ तो काम बंद हो गया। घर आने लगे तो मालिक ने तनख्वाह भी पूरी नहीं दी। अब पास में कोई काम नहीं है। घर चलाना मुश्किल हो रहा है।

उदयवीर सिंह, धुरयाई, शाहबाद दिल्ली में जींस फैक्ट्री में सिलाई का काम करते थे। मां का स्वास्थ्य खराब होने पर होली से पहले चले आए थे। इसके बाद अचानक लॉकडाउन हो गया। जिस से घर पर ही फंस कर रह गए। अब कोई काम नहीं मिल रहा। मनरेगा का कार्ड भी नहीं है। ऐसे में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रोहित, रामनगर

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