सूना रहा ईदगाह, घरों में ही नमाज पढ़ मनाया ईद का त्योहार
कोरोना महामारी के चलते ईदगाह में पहली बार ईद उल फितर की नमाज अदा नहीं की गई।
रामपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते ईदगाह में पहली बार ईद उल फितर की नमाज अदा नहीं की गई। शहर की ईदगाह में हर साल 40 से 50 हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ते थे लेकिन, इस साल ईदगाह में सन्नाटा पसरा रहा। लोगों ने लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने घरों पर ही नमाज अदा की। मस्जिदों और ईदगाहों में एक दूसरे से गले मिलने और हाथ मिलाने के मंजर भी इस साल कहीं देखने को नहीं मिले। मस्जिदें भी सूनी रहीं। जामा मस्जिद समेत जिले की तमाम मस्जिदों में सिर्फ पांच-पांच लोगों ने ही नमाज अदा की।
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लगा है। करोबार से लेकर तमाम धार्मिक गतिविधियां भी थमी हुई हैं। ऐसे में रमजान माह के बाद ईद उल फितर का त्योहार भी फीका रहा। ईदगाह में नमाज नहीं होने से लोगों में मायूसी देखने को मिली। ऐसा पहली बार हुआ है कि ईदगाह में नमाज अदा नहीं की गई। जहां हर साल हजारों मुस्लिम ईदगाह में जमा होकर नमाज पढ़ते थे, वहीं लॉकडाउन के चलते ईदगाह पूरी तरह खाली रही। मस्जिदों में भी शारीरिक दूरी का पूरा खयाल रखा गया। सिर्फ पांच लोगों ने ही ईद की नमाज अदा की। इसके अलावा अधिकतर लोगों ने अपने घरों में रहकर ईद की नमाज पढ़ी। जामा मस्जिद में नायब इमाम मौलाना हसीब अहमद ने नमाज पढ़ाई। कोरोना के खात्मे और मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ कराई। इस बार लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर व हाथ मिलाकर ईद की मुबारकबाद देने के बजाए सोशल मीडिया का सहारा लिया। फेसबुक और वाट्सएप पर बधाई संदेश भेजकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।