नया खूं रगों में रवा कर दिया, गजल हमने तुझको जवां कर दिया

नया खूं रगों में रवा कर दिया गजल हमने तुझको जवां कर दिया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Dec 2019 10:41 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jan 2020 06:05 AM (IST)
नया खूं रगों में रवा कर दिया, गजल हमने तुझको जवां कर दिया
नया खूं रगों में रवा कर दिया, गजल हमने तुझको जवां कर दिया

जागरण संवाददाता, रामपुर : अमन फाउंडेशन की ओर से शेरे नशिस्त का आयोजन किया गया, जिसमें सुल्तानपुर के जिला जज तनवीर अहमद वस्फी समेत कई मशहूर शायरों ने बेहतरीन कलाम पेश किए। कई घंटे चली इस महफिल में शायरों को खूब दाद मिली।

शहर में अतहर उल्लाह खां के आवास पर एक शाम अजहर इनायती के नाम से हुई नशिस्त की शुरूआत शमां रोशन कर की गई। जिला जज तनवीर अहमद वसफी ने माइक संभाला तो समाईन ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने अपना कलाम कुछ यू पेश किया-जिदगी दश्ते तमन्ना है मुफर दे मुझको, मेरे ईसा मेरे मरने की खबर दे मुझको। सफर के बाब में शामिल हुआ एक ना सफर मैं भी, महंकती आंधियां हैं और चरागे रहगुजर। अजब है मरहला यारो तिलस्मी पारशाई का, जो टूटेगा ये सन्नाटा तो जाऊंगा बिखर मैं भी।

अजहर इनायती ने अपना कलाम सुनाया-नया खूं रगों में रवा कर दिया,गजल हमने तुझको जवां कर दिया। इसपर समाईन ने उन्हे खूब दाद दी। उन्होंने एक के बाद एक कई रचनाएं पढ़ीं, जिन्हें दर्शकों की भरपूर सराहना मिली।

मोहम्मद नसीम ने पढ़ा, उम्र भर बना रहा मील का पत्थर, आज पूछता हूं मेरा पता क्या है। शकील गौस ने भी अपने कलाम से सामइन की खूब दाद बटोरी। उन्होंने पढ़ा, पर शिकस्ता भी करे गुंबदे खिजरा का तवाक, हौंसला उड़ने का अल्लाह जरा सा दे दे। उनके बाद तशरीफ लाए डॉ. मुमताज अरशी। उन्होंने सुनाया, तरसते हैं खमीदा सर यहां पर, मेरे सर को खमीदा देखने को। अब बारी थी नईम नजमी की। उन्होंने पढ़ा, इश्क और वह भी हुस्न वालों से, कैसे दीवाने हो मरोगे क्या। इसके बाद माइक संभाला डॉ. जहीर रहमती ने। उन्होंने पढ़ा, दुआ तो यह है कयामत के हों सितम हम पर, इसी बहाने से हम कबर से निकल आएं।

शहजादा गुलरेज ने पढ़ा, अब गली कूचों में मिटते हुए आते हैं नजर, पहले वीरानों में आसिब रहा करते थे। गुफरान फरीदी ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। उन्होंने पढ़ा, भेजिए शुक्र अगर मिल जाए, आज के दौर में इंसान मियां। इनके अलावा हस्सान आफनदी, इरफान दानिश, मसरूर अदीब, जिया इनायती, जावेद नसीमी व सैयद हुसैन अफसर ने भी कलाम पढ़े। शरीफ कुरैशी, मुजफ्फर उल्लाह खां, बाबर नोमानी, नोमान खां व असलम हसन खां आदि रहे।

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