सीआरपीएफ आतंकी हमले में बहस पूरी, पहली नवंबर को फैसला सुनाएगी कोर्ट

जागरण संवाददाता रामपुर आखिरकार सीआरपीएफ आतंकी हमले के मुकदमे के फैसले की घड़ी करीब आ गई है। करीब 12 साल पहले हुई इस घटना के मुकदमे में शनिवार को बहस पूरी हो गई। पहली नवंबर को अदालत फैसला सुनाएगी। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 11:21 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 11:21 PM (IST)
सीआरपीएफ आतंकी हमले में बहस पूरी, पहली नवंबर को फैसला सुनाएगी कोर्ट
सीआरपीएफ आतंकी हमले में बहस पूरी, पहली नवंबर को फैसला सुनाएगी कोर्ट

जागरण संवाददाता, रामपुर : आखिरकार सीआरपीएफ आतंकी हमले के मुकदमे के फैसले की घड़ी करीब आ गई है। करीब 12 साल पहले हुई इस घटना के मुकदमे में शनिवार को बहस पूरी हो गई। पहली नवंबर को अदालत फैसला सुनाएगी। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकियों ने हमला कर दिया था। हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान गई थी। पुलिस ने हमले के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें पाक अधिकृत कश्मीर का इमरान, मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव का फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन सबा, प्रतापगढ़ के कुंडा का कौसर खां, बरेली के बहेड़ी का गुलाब खां, मुरादाबाद के मूंढापांडे का जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर के खजुरिया गांव का मोहम्मद शरीफ शामिल हैं। सभी को सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ और बरेली की जेलों में रखा गया है।

शनिवार को मुकदमे की सुनवाई के लिए सभी को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला सत्र तृतीय के न्यायालय में हुई। मुकदमे में बचाव पक्ष की ओर से दिल्ली के अधिवक्ता एमएस खान के अलावा स्थानीय अधिवक्ता मोहम्मद जमीर रिजवी और नावेद खां ने बहस की। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आरोपितों को झूठा फंसाए जाने की बात कही। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दलविदर सिंह डंपी और एटीएस लखनऊ की ओर से आए अधिवक्ता अतुल ओझा ने बहस की।

अभियोजन पक्ष ने आरोपितों के घटना में शामिल होने का तर्क देते हुए कड़ी सजा की मांग की। जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि बहस पूरी हो गई। कोर्ट पहली नवंबर को मुकदमे का फैसला सुनाएगी।

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