रामपुर ने आतिशबाजी में फूंक दिए करोड़ों रुपये, प्रदूषण बढ़ने का खतरा

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने कई जिलों में पटाखों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि जिले में प्रतिबंध न होने के चलते आतिशबाजी की जमकर बिक्री हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Nov 2020 11:57 PM (IST) Updated:Sun, 15 Nov 2020 11:57 PM (IST)
रामपुर ने आतिशबाजी में फूंक दिए करोड़ों रुपये, प्रदूषण बढ़ने का खतरा
रामपुर ने आतिशबाजी में फूंक दिए करोड़ों रुपये, प्रदूषण बढ़ने का खतरा

रामपुर : सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने कई जिलों में पटाखों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि जिले में प्रतिबंध न होने के चलते आतिशबाजी की जमकर बिक्री हुई। प्रशासन ने भले ही ग्रीन पटाखों की बिक्री की शर्त पर दुकानदारों को अस्थायी लाइसेंस जारी किए, लेकिन इनकी आड़ में ज्यादा शोर और धुएं वाले पटाखों की भी बिक्री हुई। लोगों ने देर रात तक आतिशबाजी छोड़ी। दीपावली पर तीन करोड़ से अधिक की आतिशबाजी बिकने का अनुमान है। दीपावली पर छोड़ी आतिशबाजी के बाद वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। लोगों के बीमार पड़ने की आशंका ज्यादा हो गई है। खासकर हृदय रोगी और अस्थमा के मरीजों को दिक्कत हो सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार दीपावली पर वायु प्रदूषण का स्तर छह से 10 गुना बढ़ जाता है। ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक स्तर को पार का जाता है। दीपावली के दिन की जाने वाली आतिशबाजी का असर कई दिनों तक रहता है। धुएं के साथ जहरीली गैसें हवा में फैल जाती हैं। इनसे कई बीमारियां हो सकती हैं। पटाखों में सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन डाई आक्साइड रसायन का प्रयोग किया जाता है। सामान्य तौर पर इन गैसों की मात्रा वातावरण में दस से पंद्रह पीपीएम (पार्टिकुलर पर मालीक्यूल्स) तक ही मौजूद रहती हैं, लेकिन दीपावली पर इनकी मात्रा चार से छह गुना तक बढ़ जाती है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं है। पटाखे जलने से सल्फर डाई आक्साइड सांस के जरिए शरीर के अंदर जाती है और इससे फेफड़ों में सूजन आ सकती है। सांस के रोगियों को सबसे ज्यादा दिक्कत होगी। इस प्रदूषण से बचने के लिए बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगाएं।

डा. अशरफ, जिला अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन दीपावली के बाद वातावरण में कई गैस और पार्टिकिल हवा में रहते हैं, जो धुंध की तरह फैल जाते हैं। ऐसे वातावरण में स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो सकता है। हृदय रोगी इससे बचें। मास्क नाक तक पहनकर रखें।

डा. मानस सिघल, हृदय रोग विशेषज्ञ मौसम का बदला मिजाज, बूंदाबादी से ठंड बढ़ी

रामपुर : जिले में रविवार को दिन भर धूप खिली रही, लेकिन शाम को बूंदाबांदी से मौसम का मिजाज बदल गया। ठंडक बढ़ गई। हालांकि इस बूंदाबांदी से प्रदूषण से राहत मिलने की भी उम्मीद है। दीपावली पर आतिशबाजी के धुएं से वातावरण में प्रदूषण फैल जाता है। ऐसे में बारिश वातावरण को साफ करने में मददगार होगी।

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