सपा कार्यकर्ताओं को जेल की दास्तां सुनाते रो पड़े अब्दुल्ला

रामपुर सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम सपा कार्यकर्ताओं को जेल में हुई दुश्वारियों को सुनाते हुए रो पड़े। बोले देश में आजादी के बाद इतना जुल्म किसी पर नहीं हुआ जितना हमारे परिवार पर हुआ। जेल में हमारी मां का कंधा टूट गया और आजम खां गंभीर रूप से बीमार हो गए। सरकार ने इलाज में भी देरी की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 12:18 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 12:18 AM (IST)
सपा कार्यकर्ताओं को जेल की दास्तां सुनाते रो पड़े अब्दुल्ला
सपा कार्यकर्ताओं को जेल की दास्तां सुनाते रो पड़े अब्दुल्ला

रामपुर: सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम सपा कार्यकर्ताओं को जेल में हुई दुश्वारियों को सुनाते हुए रो पड़े। बोले, देश में आजादी के बाद इतना जुल्म किसी पर नहीं हुआ, जितना हमारे परिवार पर हुआ। जेल में हमारी मां का कंधा टूट गया और आजम खां गंभीर रूप से बीमार हो गए। सरकार ने इलाज में भी देरी की। इससे हालत और खराब हो गई। डाक्टरों ने भी कह दिया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दुआ कीजिये। ऊपर वाले ने बचा लिया, वर्ना सरकार ने तो कोई कसर नहीं छोड़ी।

आजम खां का संदेश है कि हम पर जो जुल्म हुआ है, जनता चुनाव में वोट के जरिये उसका हिसाब ले लेकिन, पूरी शांति बनाए रखें, क्योंकि सरकार रामपुर के लोगों को झूठे में मुकदमों में फंसाना और नुकसान पहुंचाना चाहती है। चार दिन पहले जेल से छूटकर आए अब्दुल्ला ने बुधवार को वर्चुअल संवाद के जरिए जिले के सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान अपनी मां और पिता पर जेल में आई दुश्वारियों की दास्तां सुनाईं। कहा कि हमारे परिवार पर ही नहीं, बल्कि रामपुर के तमाम लोगों पर जुल्म किया गया। रामपुर के लोगों पर और हमारे परिवार पर बहुत से फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए। पेड़ चोरी, बकरी चोरी, भैंस चोरी, किताब चोरी के मुकदमे लगाकर आजम खां को जेल में डाल दिया गया है। आजम खां ने बहुत अच्छे दिन भी देखे हैं और बहुत बुरे दिन भी। उनपर जुल्म की इन्तेहा हो गई है। लोग जेल में मुलाकात के लिए आते थे तो कहते थे आजम भाई जब से आप जेल में आए हैं तब से हमारे सिर से सरपरस्ती उठ गई है। रामपुर के लोगों को वाहन चेकिग और बिजली चेकिग के नाम पर लूटा गया है। इस चुनाव में जनता जुल्मों का बदला लेगी। हमारा चुनाव बसपा या कांग्रेस से नहीं, बल्कि सरकार से है। गाड़ी से किसानों को कुचलने और बेरोजगार नौजवानों पर लाठी चार्ज करने पर इंकलाब तो जरूर आएगा। इस बार हमारी बहुत बड़ी जीत होगी। आज हम यह संकल्प लें कि 40 साल हमें आजम खां ने जो ट्रेनिग दी है, अब उसी के जरिये जुल्मों का बदला लेंगे। आचार संहिता और कोविड गाइड लाइन का पालन करेंगे।

आजम खां की तरह ही नवाब खानदान पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जिस सम्पत्ति के बंटवारे की बात चल रही है वह आवाम की है और इसे रामपुर की गरीब जनता में ही बंटना चाहिए। इसके लिए चुनाव के बाद लड़ाई लड़ी जाएगी। कहा कि नवाबी दौर में रोशनी को लोग तरस गए, बच्चों को पढ़ने नहीं दिया गया, महिलाओं को बाहर निकलने की आजादी नहीं थी। अब जनता जागरूक हो चुकी है। अब बदले हुए हैं हालात

अब्दु्ल्ला ने कहा कि 2019 के चुनाव में हालात अलग थे, तब प्रशासन दुश्मनी पर आमादा था। किसी भी हालत में जीतने नहीं देना चाहता था, लेकिन अब हालात कुछ और हैं। मौजूदा अधिकारियों के काम से ऐसा अंदेशा नहीं है कि चुनाव में कोई गड़बड़ी होगी। लेकिन, एक अधिकारी पड़ोसी जिले में बैठकर रामपुर के चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं। चुनाव आयोग इस बात का संज्ञान ले। हमें इस बात को कहने के लिए मजबूर न किया जाए कि कौन अधिकारी निष्पक्ष है और कौन भाजपा का एजेंट है। उन्होंने कहा कि सभी चुनाव कार्यक्रमों में आजम खां के नाम की कुर्सी भी रहेगी, उसपर उनके नाम की पर्ची भी लगेगी। लेकिन, कुर्सी खाली रहेगी, ताकि लोगों को पता लगा लगे आजम खां जेल में हैं।

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