चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रही खाकी, किसान नेताओं ने सौंपा ज्ञापन
- किसानों के चक्का जाम का नहीं दिखा आसार पूरे जनपद में शांतिपूर्ण रहा माहौल
रायबरेली : कृषि सुधार कानून के विरोध में किसानों के चक्का जाम के आह्वान का जनपद में कोई असर नहीं दिखा। हालात शांतिपूर्ण रहे। किसान नेताओं ने कानून रद्द किए जाने संबंधी ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को दिए हैं।
चक्का जाम को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अफसर शुक्रवार से ही सतर्कता बरत रहे थे। लगातार किसानों से बात की जा रही थी। उन्हें समझाया जा रहा था कि शांतिपूर्ण ढंग से वे अपनी शिकायत अफसरों से कर सकते हैं, ज्ञापन दे सकते हैं। शनिवार को प्रमुख हाईवे, टोल और जनपद की सीमाओं पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। आवागमन बाधित करने को लेकर कोई गतिविधि नहीं दिखी। तहसीलवार किसान नेताओं द्वारा सीओ या एसडीएम को ज्ञापन देने की बात ही सामने आई। वहीं विकास भवन में भारतीय किसान यूनियन ने बैठक करके विरोध दर्ज कराया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि तीनों कृषि सुधार कानून रद्द किए जाएं। एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाए और इससे कम पर खरीद करने वालों को कम से कम पांच साल की सजा का प्राविधान हो। किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। दयाशंकर चौधरी, रामजीत यादव, सुधीर कुमार, मनोज त्रिपाठी, आशाराम वर्मा, संतोष कुमार मौजूद रहे।
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नगर में पैदल मार्च
ऊंचाहार : नगर में शांति व्यवस्था के मद्देनजर कोतवाली विनोद कुमार सिंह ने भारी पुलिस बल के साथ कस्बा, चौराहा, बस स्टॉप और नगर से निकलने मुख्य मार्गों पर पैदल मार्च किया। क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से शांति व्यवस्था के साथ आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की। वर्जन,
किसान नेताओं से पहले ही बात की जा चुकी थी। कहीं पर भी चक्का जाम नहीं हुआ, जो किसान नेता ज्ञापन देने आए, उन्हें नहीं रोका गया।
श्लोक कुमार, पुलिस अधीक्षक