अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक बिखेर रहे निहस्था के सितारे
खीरों (रायबरेली) : कलम और कृपाण की धनी धरती बैसवारे में एक ऐसा गांव हैं, जिसकी पहच
खीरों (रायबरेली) : कलम और कृपाण की धनी धरती बैसवारे में एक ऐसा गांव हैं, जिसकी पहचान खेल जगत के विश्व पटल पर है। इस माटी से वॉलीबाल के राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के खिलाड़ी निकले। यहां युवाओं में खेल का जुनून सिर चढ़कर बोलता है। देश-विदेश में निहस्था के ये सितारे चमक बिखेर रहे हैं।
बात हो रही है खीरों ब्लॉक के निहस्था गांव की। यहां लगभग पांच दशक पहले वॉलीबाल के खेल की नींव पड़ी। इस खेल में गांव ने कैसे नाम रोशन किया यह जिले में वॉलीबाल के पितामह कहे जाने वाले राम बहादुर ¨सह (बड़े बाबू) बताते है। कि बात उस दौर कि जब वह प्रधान थे। वर्ष 1992 में सबके साथ मिलकर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम ¨सह यादव से गांव में इंडोर स्टेडियम स्वीकृत कराया था। सरकार ने 18 लाख धन स्वीकृत किया, लेकिन सरकार बदलने पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ¨सह ने इस स्टेडियम को अपने क्षेत्र अतरौली में बनवा दिया। वर्ष 1996 में खेलकूद विभाग से इसके निर्माण के लिए 21.42 लाख का बजट स्वीकृत कराया। 11 बीघे जमीन देकर स्टेडियम का निर्माण कराया। 17 लाख से बाउंड्रीवाल बनवाई।
इन खिलाड़ियों ने बढ़ाया मान
वालीबाल खिलाड़ी गजेंद्र प्रताप ¨सह, उपेंद्र बहादुर ¨सह, यतेंद्र बहादुर ¨सह, नागेंद्र प्रताप ¨सह, अमित त्रिपाठी, विवेक ¨सह, कौशलेंद्र ¨सह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर खेल कर गौरव बढ़ाया। कमलेश ¨सह, धर्मेंद्र बहादुर ¨सह, दीपू शुक्ला, रमेशचंद्र पांडेय, प्रशांत पांडेय, महेंद्र प्रताप ¨सह, अतुल तिवारी, लक्ष्मी दयाल तिवारी, कौशिक मिश्रा, सज्जन पांडेय सहित अनेक खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया।
मरम्मत के अभाव में स्टेडियम बदहाल
स्टेडियम बदहाल हो गया। वर्ष 2018-19 में युवा कल्याण विभाग से 32.46 लाख रुपये मरम्मत के लिए स्वीकृत हुआ। वर्तमान में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) करवा रहा है। 125 मीटर बाउंड्रीवाल निर्माण होना शेष है।
कोट
निहस्था स्टेडियम में मरम्मत का काम कराया जा रहा है। शासन से बजट मिला है। जो भी खामियां हैं, जल्द ही उन्हें दूर कराया जाएगा।
-एमएल रमन, जिला युवा कल्याण अधिकारी