'अपनों' के खून के प्यासे 'अपने'

केस नंबर एक मिल एरिया थाना क्षेत्र के प्रगति पुरम मोहल्ले में 20 सितंबर को हुए दोहरे हत्याकांड से

By Edited By: Publish:Tue, 26 May 2015 01:31 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2015 01:31 AM (IST)
'अपनों' के खून के प्यासे 'अपने'

केस नंबर एक

मिल एरिया थाना क्षेत्र के प्रगति पुरम मोहल्ले में 20 सितंबर को हुए दोहरे हत्याकांड से पर्दा उठा और जो हकीकत सामने आई उसने सभी को हिला कर रख दिया। पुलिस के मुताबिक पत्नी प्रतिमा और बेटी गुनगुन की हत्या उसके पति ने दो लाख रुपए सुपाड़ी दे कर कराई थी। पुलिस के मुताबिक मामला संपत्ति हथियाने का था।

केस नंबर दो

सदर कोतवाली में बीती 23 मई को ¨सचाई विभाग में तैनात श्रीराम गिरि की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस की सूझबूझ के चलते हत्या का खुलासा कुछ दिनों में कर दिया गया था। हत्या का उद्देश्य पिता के स्थान पर बेटे को नौकरी चाहिए थी। बेटे ने सोते समय पिता का मार दिया था।

केस नंबर तीन

मिल एरिया थाना क्षेत्र के हरदासपुर निवासी असलम की हत्या 22 जून को कर दी गई थी। मामले का खुलासा होने पर पता चला कि पत्नी का प्रेम-प्रसंग किसी दूसरे के साथ चल रहा था। इस पर पत्नी ने अपनी प्रेमी और साथियों के साथ मिलाकर पति को मारवा दिया।

रायबरेली, जागरण संवाददाता : जमीनी विवाद, जायदाद, प्रेम-प्रसंग और नौकरी के लालच में रिश्तेदार अपने ही खून के प्यासे होते दिखाई दे रहे है। जिले में घटी कई वारदातों से कई लोगों ने नसीहत दी, तो कई बुजुर्गो ने चर्चाएं भी की। हकीकत ये है कि ऐसी वारदातों से समाज में सिर्फ और सिर्फ रिश्ते कलंकित होते जा रहे है। निजी स्वार्थ और लालच की हवस में खून के रिश्तों पर'चाकुओं की धार'भारी पड़ती दिख रही है। वहीं इसके पीछे बेरोजगारी की समस्या कहीं न कहीं सामने आ रही है। अगर हाल इसी तरह रहे तो खून के रिश्ते भी विश्वास के लायक नहीं रह जाएंगे। ऐसे में रिश्तों का कलंकित होना आम बात होती जा रही है।

पुलिस अधीक्षक मोहित गुप्ता ने बताया कि परिवारिक विवाद की आने वाली सभी शिकायतों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ताकि मामला मारपीट और हत्या तक न पहुंच सके। इसके लिए थानेदारों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए है।

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