एक बार फिर पुरस्कार की दौड़ में शहाबपुर, स्टेट टीम ने परखा

विकास की प्रतिस्पर्धा में कई बार जिले की नाक ऊंची रखने वाली ग्रामसभा शहाबपुर एक बार फिर पुरस्कार की दौड़ में शामिल है। पं. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार योजना में आवेदन करने के बाद स्टेट की टीम जांच करने कुंडा के शहाबपुर गांव पहुंची। टीम ने गांव के पंचायत भवन मॉडल स्कूल साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद गांव के प्रधान व सचिव से बात करके कई अन्य बिदुओं पर जानकारी ली। गांव के लोगों से भी टीम ने साफ-सफाई व्यवस्था के बारे में जानकारी लेकर चली गई। कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी ग्राम पंचायत पं. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार योजना लेने में सफल रहेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 10:42 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 10:42 PM (IST)
एक बार फिर पुरस्कार की दौड़ में शहाबपुर, स्टेट टीम ने परखा
एक बार फिर पुरस्कार की दौड़ में शहाबपुर, स्टेट टीम ने परखा

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : विकास की प्रतिस्पर्धा में कई बार जिले की नाक ऊंची रखने वाली ग्रामसभा शहाबपुर एक बार फिर पुरस्कार की दौड़ में शामिल है। पं. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार योजना में आवेदन करने के बाद स्टेट की टीम जांच करने कुंडा के शहाबपुर गांव पहुंची। टीम ने गांव के पंचायत भवन, मॉडल स्कूल, साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद गांव के प्रधान व सचिव से बात करके कई अन्य बिदुओं पर जानकारी ली। गांव के लोगों से भी टीम ने साफ-सफाई व्यवस्था के बारे में जानकारी लेकर चली गई। कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी ग्राम पंचायत पं. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार योजना लेने में सफल रहेगी।

पं. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार योजना पाने के लिए जिले के कुंडा तहसील के शहाबपुर गांव का आवेदन हुआ है। आवेदन करने के दौरान सिस्टम पर अपलोड किए गए विकास कार्यों की हकीकत देखने के लिए लखनऊ से मंगलवार को स्टेट के समन्वयक शमशेर व अरुण कुमार गांव पहुंचे। यहां बुधवार को भी रहकर प्रत्येक बिदुओं पर गहराई से परीक्षण किया।

गौरतलब है कि पुरस्कार पाने के लिए ग्राम सभा को कई मानक पूरे करने होते हैं। खासकर ग्राम सभा में खुली बैठक में कितने लोग प्रतिभाग किए। बैठक में किन-किन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें महिला, बाल विकास, लिग भेद, छुआछूत, बैठक में अनुसूचित समाज के लोगों को बात करने का मौका दिया गया कि नहीं, विकास के कई बिदुओं पर चर्चा के बाद ही रैकिग तय होती है। इसके अलावा महिलाओं की भागीदारी, महिला रोजगार, ग्राम पंचायत की स्वयं की आय, पेयजल पर चर्चा, कृषि पर चर्चा का वीडियो क्लिप भी बनाया जाता है। टीम ने गांव में आने के बाद वीडियो के जरिए इसका परीक्षण भी किया। ग्रामसभा में विकास कार्यों और तमाम गतिविधियों के आधार पर रिपोर्ट तैयार होती है, जिस पर 100 नंबर में रिजल्ट मिलता है। स्टेट की टीम ने ग्राम प्रधान राजेश प्रभाकर सिंह, ग्राम विकास अधिकारी शशांक कुमार से कई अन्य बिदुओं पर जानकारी लेकर वापस चली गई। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि टीम परीक्षण करने आई थी। अब वह अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।

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केवल 22 लोगों को मिलेगा पुरस्कार

पंचायतीराज विभाग के अनुसार पुरस्कार योजना में उत्तर प्रदेश में केवल 22 ग्राम सभाओं को पुरस्कृत किया जाता है। इस योजना में पहले भी ग्राम सभा दो बार पुरस्कृत हो चुकी है। इस बार हैट्रिक मारने की तैयारी चल रही है।

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