रातों-रात बहनों का अंतिम संस्कार, विरोध में लगाया जाम

जागरण संवाददाता प्रतापगढ़ नगर कोतवाली क्षेत्र के चकबनतोड़ गांव की दो सगी बहनों की मौत के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 11:31 PM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 06:08 AM (IST)
रातों-रात बहनों का अंतिम संस्कार, विरोध में लगाया जाम
रातों-रात बहनों का अंतिम संस्कार, विरोध में लगाया जाम

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : नगर कोतवाली क्षेत्र के चकबनतोड़ गांव की दो सगी बहनों की मौत के बाद रातों-रात दोनों शवों का अंतिम संस्कार करा दिया गया। रात में तो परिजन इस पर राजी हो गए थे, लेकिन सुबह रिश्तेदारों और और बहुजन समर्थकों के कहने पर लड़कियों के पिता समेत परिजन, ग्रामीण और कुछ संगठनों के लोग सड़क पर आ गए। सिटी रोड पर अष्टभुजा नगर के पास जाम लगा दिया। करीब तीन घंटे तक बनते बिगड़ते माहौल के बीच पुलिस-प्रशासन को कार्रवाई और मुआवजे के लिए दो दिन की मोहलत देकर किसी तरह जाम को खत्म किया।

चकबनतोड़ गांव के सुभाष राव की दो बेटियां शिवांगी और अंजली सोमवार को अपने स्कूल से रहस्यमय दशा में गायब हो गई थीं। इसके बाद वह लालगंज पहुंच गईं और फिर अगले दिन मंगलवार को सुबह दोनों के शव सांगीपुर थाना क्षेत्र के घुइसरनाथ धाम के पास सई नदी में पाए गए थे। इस मामले में अपहरण की रिपोर्ट अज्ञात के खिलाफ नगर कोतवाली में दर्ज है। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। वह घर लाए गए तो परिजनों में एक बार फिर चीख पुकार मच गई। मौके पर पहुंचे अफसरों और सदर विधायक राजकुमार पाल के समझाने व न्याय दिलाने के वादे पर परिजन रात में ही शव लेकर रसूलाबाद घाट प्रयागराज के लिए चल दिए। वहां पर अंतिम संस्कार करके सुबह लौट आए।

सुबह जब सुभाष के रिश्तेदार, बहुजन मुक्ति पार्टी, भीम आर्मी व चलो गांव की ओर समेत कई संगठनों के लोग पहुंचे तो यह जानकर दंग रह गए कि रात में ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। वह कहने लगे कि पुलिस प्रशासन ने परिवार की वादे की घुट्टी पिलाकर आनन-फानन में अंतिम संस्कार करा दिया। अभी तक परिवार को कोई सहायता नहीं दी गई। बेटियों के कातिलों का पता नहीं लगाया गया। यह सब होता रहा और फिर दोपहर करीब डेढ़ बजे लड़कियों के पिता सुभाष राव अपनी मां मालती देवी व दोनों बहनों मंजू और अंजू, बेटे विकास समेत परिजन और गांव के लोगों के साथ अष्टभुजा नगर मोड़ पर पहुंच गए। सिटी रोड पर यह जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे। दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। पुलिस-प्रशासन व सदर विधायक के खिलाफ नारे लगने लगे। महिलाएं चिल्ला रहीं थीं बेटियों के कातिलों को फांसी दो.फांसी दो। हंगामे व जाम की भनक लगने पर मौके पर सीओ सिटी कुमार पांडेय, कोतवाल सुरेंद्र प्रसाद पहुंचे। लोगों को समझाने का प्रयास किया कि जो वादा किया गया है, वह पूरा किया जाएगा। जांच की जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई होगी। इस पर परिजन मानने को तैयार नहीं थे। कुछ देर बाद सपा नेता इरशाद सिद्दीकी, वासिक खान, पूर्व विधायक सदर संजय त्रिपाठी, बसपा नेता कमलेश विश्वकर्मा, मुन्ना राव, सादिक अली, बहुजन मुक्ति पार्टी के हरिकेश कुमार गौतम और भी मौके पर पहुंच गए। इन लोगों ने कहा कि पुलिस प्रशासन को चाहिए कि परिवार को न्याय दे। इस पर सीओ ने कार्रवाई के लिए दो दिन का समय मांगा। उसके बाद शाम करीब 4:15 बजे तहसीलदार और सीओ को ज्ञापन सौंपकर इस अल्टीमेटम के साथ परिजन सड़क से हटे की न्याय न मिला तो सात दिसंबर को फिर जाम लगा देंगे। यह रहीं मांगें

-पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की मदद दी जाए।

-घटना की निष्पक्ष व मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाए।

-परिवार को कम से कम दो शस्त्र लाइसेंस दिया जाए।

-जीवन यापन को सरकारी जमीन का पट्टा दिया जाए।

-पीड़ित परिवार की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। जाम में फंसे स्कूली बच्चे

सिटी रोड पर जाम लगे रहने के दौरान सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हुई। जाम लगने के थोड़ी देर बाद स्कूलों में छुट्टी हो गई तो वाहन उनको लेकर चले, लेकिन जाम के कारण रुक गए। वाहन चालकों की मदद से बच्चों ने परिजनों को सूचित किया कि जाम में फंसे हैं तो वह घबरा गए। आनन-फानन में आए और उनको पैदल ही किसी तरह निकाल कर निजी वाहनों से घर ले गए। रूट कर दिया गया था डायवर्ट

जाम लगने के दौरान पुलिस ने रूट डायवर्ट कर दिया था। सगरा पेट्रोल पंप के पास विकास भवन मोड़ पर वाहनों को घुमाकर कटरा रोड की ओर भेज दिया जा रहा था। इसका असर यह रहा कि कटरा रोड पर सरोज चौराहे से ट्रेजरी चौराहे तक वाहनों का दबाव बढ़ गया। कई घंटे तक लोग जाम में फंसे रहे।

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