प्रतापगढ़ से जुड़ी रहीं हैं अमर सिंह की यादें

राज्यसभा सदस्य रहे अमर सिंह की यादें प्रतापगढ़ से काफी करीब से जुड़ी रही हैं। सपा में सकि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 06:07 AM (IST)
प्रतापगढ़ से जुड़ी रहीं हैं अमर सिंह की यादें
प्रतापगढ़ से जुड़ी रहीं हैं अमर सिंह की यादें

राज्यसभा सदस्य रहे अमर सिंह की यादें प्रतापगढ़ से काफी करीब से जुड़ी रही हैं। सपा में सक्रिय रहने के दौरान चुनाव प्रचार और अन्य मौकों पर उनका यहां आना जाना लगा रहता था। शनिवार को सिंगापुर में अमर सिंह के निधन की जानकारी होने पर उनके करीबी रहे पूर्व सांसद सीएन सिंह हतप्रभ रह गए। समाजवादी पार्टी में सक्रियता के दौरान अमर सिंह का यहां से काफी जुड़ाव रहा। वह पहली बार वर्ष 1996 में कांग्रेस नेता रहे सीएन सिंह को यहां समाजवादी पार्टी ज्वाइन कराने आए थे। केपी कालेज मैदान में आयोजित सभा में सीएन सिंह ने सपा की सदस्यता ली थी। इसके बाद सीएन सिंह की अमर सिंह से नजदीकी बढ़ने लगी। अमर सिंह की सिफारिश पर सीएन सिंह को वर्ष 1998 में सदर विधानसभा क्षेत्र से सपा का उम्मीदवार बनाया गया था और वह पहली बार विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे थे।

इसके बाद सीएन सिंह की अमर सिंह से नजदीकी काफी बढ़ गई। साल भर बाद ही वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में अमर सिंह ने सीएन सिंह को मछलीशहर सीट से टिकट दिलवाया और वह सांसद निर्वाचित हो गए। वर्ष 2000 में सदर सीट पर हुए उपचुनाव में अमर सिंह सांसद रहे सीएन सिंह की पत्नी ऊषा सिंह के चुनाव प्रचार में आए थे। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में सीएन सिंह को फिर मछलीशहर से टिकट मिला और उनके समर्थन में अमर सिंह ने मंगरौरा में जनसभा की थी। बीच में सीएन सिंह के घर पर आयोजित मांगलिक कार्यक्रमों में भी अमर सिंह शामिल हुए थे। अमर सिंह बिग बी अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव बाबूपट्टी (रानीगंज) में जया बच्चन के साथ पांच मार्च 2006 को डा.हरिवंशराय बच्चन स्मारक पुस्तकालय का लोकार्पण करने आए थे। उन्हें हेलीकाप्टर से बाबूपट्टी आना था, लेकिन हेलीकाप्टर में आई खराबी के कारण वह प्रयागराज से कार से जया बच्चन के साथ बाबूपट्टी गांव आए थे। इस बीच शनिवार को शाम करीब पांच बजे प्रतापगढ़ शहर के पल्टन बाजार स्थित आवास पर रहे पूर्व सांसद सीएन सिंह को सिंगापुर में अमर सिंह के निधन होने की जानकारी हुई तो वह हतप्रभ रह गए। कहने लगे कि अमर सिंह जी से काफी आत्मीयता थी, मैं उनके परिवार के सदस्य की तरह था। उनकी कमी मुझे हमेशा खलेगी। सभी राजनीतिक दलों में अमर सिंह की वाकपटुता और राजनीतिक क्षेत्र में जादुई पकड़ की चर्चा होती रही।

chat bot
आपका साथी