गीतकार कुंवर बेचैन का जिले से बराबर रहा जुड़ाव

देश के सुप्रसिद्ध गीतकार व गजलकार डॉ. कुंवर बेचैन के निधन पर जिले के साहित्यकार दुखी हैं। गीतकार बेचैन का प्रतापगढ़ से लगाव व जुड़ाव रहा है। वह यहां के प्रमुख आयोजनों में आते रहे हैं। लोग उनके गीतों को सुनकर आनंदित होते थे। शहर में वह संचेतना के कवि सम्मेलन में कई बार आए और गीतों से लोगों का दिल जीता था। आयोजक दया शंकर शुक्ल हेम उनको याद करके भावुक हो गए। कहने लगे कि वह बहुत सरल सौम्य व प्यारे गीतों के राजकुमार कवि थे। उनकी कमी बहुत खलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 12:47 AM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 12:47 AM (IST)
गीतकार कुंवर बेचैन का जिले से बराबर रहा जुड़ाव
गीतकार कुंवर बेचैन का जिले से बराबर रहा जुड़ाव

जासं, प्रतापगढ़ : देश के सुप्रसिद्ध गीतकार व गजलकार डॉ. कुंवर बेचैन के निधन पर जिले के साहित्यकार दुखी हैं। गीतकार बेचैन का प्रतापगढ़ से लगाव व जुड़ाव रहा है। वह यहां के प्रमुख आयोजनों में आते रहे हैं। लोग उनके गीतों को सुनकर आनंदित होते थे। शहर में वह संचेतना के कवि सम्मेलन में कई बार आए और गीतों से लोगों का दिल जीता था। आयोजक दया शंकर शुक्ल हेम उनको याद करके भावुक हो गए। कहने लगे कि वह बहुत सरल, सौम्य व प्यारे गीतों के राजकुमार कवि थे। उनकी कमी बहुत खलेगी।

गजलकार डॉ. नागेंद्र अनुज को बेचैन जी से दिल्ली के पुस्तक मेले में हुई मुलाकात कभी नहीं भूलेगी। उसमें उनसे हिदी व उर्दू गीतों के बदलते स्वरूप पर विस्तार से चर्चा हुई थी। कवि डॉ. श्याम शंकर शुक्ल श्याम, राजमूर्ति सिंह सौरभ, सुनील प्रभाकर, आचार्य अनीस देहाती, सत्येंद्र सौम्य, रवींद्र अजनबी, गजेंद्र सिंह विकट व डॉ. संगम लाल त्रिपाठी भंवर ने भी प्रख्यात गीतकार बेचैन को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है। अजीत नगर में सृजना साहित्यिक संस्था द्वारा श्रद्धांजलि सभा में उनको याद किया गया। साहित्यकार डॉ. दयाराम मौर्य रत्न ने कहा कि कुंवर बेचैन कोमल संवेदनाओं और स्निग्ध भावनाओं के कुशल चितेरे रचनाकार थे। उनके निधन से साहित्य-क्षेत्र की बड़ी क्षति हुई है। एलायंस क्लब इंटरनेशनल के चेयरमैन रोशन लाल ऊमरवैश्य ने कहा कि कुंवर बेचैन सरल शब्दों में बड़ी बात कह जाते थे। श्रद्धा-सुमन अर्पित करने वालों में ट्रस्टी आनंद मोहन ओझा, राजीव कुमार आर्य, जितेंद्र कुमार, श्रीनाथ मौर्य, अनिल कुमार निलय, प्रेमकुमार त्रिपाठी प्रेम, कुंज बिहारी लाल मौर्य आदि शामिल रहे।

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