टाइगर रिजर्व जंगल पर्यटकों के लिए बंद

पीलीभीत : टाइगर रिजर्व का जंगल पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया। पर्यटन सीजन में 14533 पर्यटकों ने टा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jun 2018 11:36 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jun 2018 11:36 PM (IST)
टाइगर रिजर्व जंगल पर्यटकों के लिए बंद
टाइगर रिजर्व जंगल पर्यटकों के लिए बंद

पीलीभीत : टाइगर रिजर्व का जंगल पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया। पर्यटन सीजन में 14533 पर्यटकों ने टाइगर रिजर्व के जंगल की सैर कर आनंद उठाया और प्रकृति को समीप से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन पर्यटकों से 31 लाख 93 हजार 766 रुपये आमदनी हुई जो पिछले साल से पांच लाख रुपये कम रही। अंतिम दिन ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर पर्यटकों की धूम रही।

15 नवंबर 2017 को टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज परिसर से पर्यटन सीजन का तत्कालीन डीएम शीतल वर्मा और तत्कालीन एसपी कलानिधि नैथानी ने उद्घाटन किया था। पहली बार वृद्ध सेवा आश्रम से वृद्धजनों को ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच तक जंगल सैर कराई गई। वृद्धजनों को भोजन कराया गया। यह एक अनोखी शुरुआत थी। पर्यटन सीजन के दौरान आस्ट्रेलिया, जर्मनी समेत कई देशों के विदेशी पर्यटकों ने टाइगर रिजर्व के जंगल का भ्रमण कर आनंद उठाया। जंगल के अंदर कल-कल करती नहरें पर्यटकों का मनमोह लिया। पर्यटकों ने बाइफरकेशन में नहरों के जंक्शन के दर्शन किए। प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से आने वाले पर्यटकों ने ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर बनी थारू हट, अरण्य कुटीर, ट्री हट, बैंबू हटों पर ठहरकर आनंद लिया। हट फुल होने की वजह से कुछ लोगों की रात में ठहरने की हसरत पूरी नहीं हो सकी। टाइगर रिजर्व के सख्त नियमों की वजह से स्कूली बच्चे ईको पर्यटन केंद्र का भ्रमण तक नहीं कर पाए। पहली बार पर्यटकों को सैर कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश वन निगम को सौंपी गई थी। शहर के नेहरू ऊर्जा उद्यान व मुस्तफाबाद से टाइगर सफारी की सुविधा दी गई। एक टाइगर सफारी का कुल किराया 3540 रुपये तय किया गया, जिसमें सिर्फ छह सवारी ही बैठने की अनुमति थी। इस तरह टाइगर सफारी से लोगों ने टाइगर रिजर्व के जंगल का भ्रमण कर प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाया। जंगल के अंदर ग्रासलैंड के अठखेलियां करते हुए हिरनों के झुंड को देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो गए, तो किसी को जंगल के रास्ते पर मोर नाचता हुआ दिखाई दिया। प्रशासनिक अफसरों को बाघ के दीदार हो गए। ऐसे में प्रत्येक टूरिस्ट अपने को धन्य मान रहा था। पर्यटन सीजन के अंतिम दिन ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ नजर आई। पर्यटकों ने जंगल का आनंद उठाया। अंतिम दिन जंगल की सैर कराने के बाद टाइगर रिजर्व जंगल को बंद कर दिया गया। टाइगर रिजर्व के वन अधिकारी के मुताबिक, बरसात के सीजन में जंगल के रास्ते खराब हो जाते हैं, जो बरसात बाद दुरुस्त किए जाते हैं। पर्यटन सीजन समाप्त होने के बाद सिर्फ वन कर्मचारी ही गश्त करेंगे। पर्यटन सीजन में कुल 14533 पर्यटकों ने जंगल भ्रमण किया, जिनसे 31 लाख 93 हजार 766 रुपये की आमदनी हुई। 16 विदेशी पर्यटक भी आए। पिछले साल 37 लाख 50 हजार 460 रुपये की आमदनी हुई थी। 16360 पर्यटकों ने जंगल घूमा था। राजस्व के मामले में गिरावट दर्ज हुई। वन निगम के चूकाबीच के प्रभारी प्रमोद पांडेय का कहना है कि टाइगर रिजर्व का पर्यटन सीजन समाप्त हो गया है। बरसात हो जाने की वजह से जंगल के रास्ते खराब हो गए हैं। इस वजह से स्थानीय टूरिस्ट ही घूमने आ पाए। चूकाबीच की कुछ हटें खाली रही। अब 15 नवंबर को नए पर्यटन सीजन में जंगल खुलेगा। महंगा पर्यटन भी है जिम्मेदार

टाइगर रिजर्व का जंगल घूमने के मामले में काफी महंगा है। इस वजह से पर्यटन सीजन में काफी कम पर्यटकों ने जंगल की सैर की। इसके पीछे महंगा पर्यटन भी जिम्मेदार है। जंगल तक पहुंचने के लिए एक पर्यटक को छह सौ रुपये चुकाने पड़ते हैं। अगर चाय-नाश्ता कर लिया, तो सौ रुपये रख लीजिए। शोबनेयर शॉप पर कुछ जरूर खरीदेंगे। ऐसे में एक पर्यटक पर एक हजार रुपये खर्च में आता है।

वन निगम के बु¨कग नियम सख्त

उत्तर प्रदेश वन निगम को पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पर्यटन की जिम्मेदारी दी गई है। ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर बनी हटों की वन निगम की वेबसाइट पर आनलाइन बु¨कग की सुविधा उपलब्ध कराई गई। पहले पूरी हट की बु¨कग ली जाती थी। वन निगम प्रति टूरिस्ट बु¨कग कर रहा है, जिससे पर्यटकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। वन निगम के सख्त नियमों की वजह से टूरिस्ट जंगल की सैर नहीं कर पा रहा है।

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