कोहरा को रात समझकर जंगल से बाहर आते बाघ

पीलीभीतजेएनएन सर्दी के मौसम में गन्ना की फसल पककर तैयार हो जाती है। ऐसे में गन्ना खाने के लिए जंगली सुअर व नीलगाय जैसे वन्यजीव बाहर आ जाते हैं। ये वन्यजीव बाघ का पसंदीदा भोजन हैं। ऐसे में इन वन्यजीवों का शिकार करने के लिए बाघ जंगल से बाहर आकर गन्ने के खेत में पहुंच जाते हैं। सर्दी में कोहरा के दौरान बाघ यही समझता है कि अभी रात है। जब कोहरा छंट जाता है तब उसे अहसास हो पाता है कि दिन निकल आए। ऐसे में बाघ छिपना चाहता है तब वह गन्ने के खेत में ही डेरा जमा देता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 11:20 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 11:20 PM (IST)
कोहरा को रात समझकर जंगल से बाहर आते बाघ
कोहरा को रात समझकर जंगल से बाहर आते बाघ

पीलीभीत,जेएनएन : सर्दी के मौसम में गन्ना की फसल पककर तैयार हो जाती है। ऐसे में गन्ना खाने के लिए जंगली सुअर व नीलगाय जैसे वन्यजीव बाहर आ जाते हैं। ये वन्यजीव बाघ का पसंदीदा भोजन हैं। ऐसे में इन वन्यजीवों का शिकार करने के लिए बाघ जंगल से बाहर आकर गन्ने के खेत में पहुंच जाते हैं। सर्दी में कोहरा के दौरान बाघ यही समझता है कि अभी रात है। जब कोहरा छंट जाता है, तब उसे अहसास हो पाता है कि दिन निकल आए। ऐसे में बाघ छिपना चाहता है, तब वह गन्ने के खेत में ही डेरा जमा देता है।

अक्सर देखा गया है कि सर्दी के मौसम में बाघ, तेंदुआ के साथ ही दूसरी प्रजातियों के वन्यजीव जंगल से बाहर आने लगते हैं। इसके बारे में कहा जाता रहा है कि तेज ठंड में बाघ के पंजों की बिवाईं फटने लगती है, इसीलिए वह जंगल से बाहर का रुख करने लगते हैं लेकिन यह धारणा निर्मूल है। वन्यजीव विशेषज्ञ इससे पूरी तरह इन्कार करते हैं। उनका कहना है कि सर्दी में बाघ के पंजों की बिवाईं नहीं फटतीं। दूसरे अगर ऐसा होता भी तो जंगल के अंदर कच्चे रास्ते होने से बाघ को कोई समस्या नहीं आती बल्कि जंगल से बाहर खेत-खलिहान में रास्ते उतने अनुकूल नहीं होते। सही बात तो यह है कि भोजन की तलाश वन्यजीवों को जंगल से बाहर खींच लाती है। सर्दी के मौसम में जब गन्ने की फसल तैयार हो जाती है तो जंगली सुअर गन्ना खाने के लिए खेतों की ओर निकल पड़ते हैं। नीलगाय भी खेतों पर फसल चरने के लिए आते हैं। ये दोनों वन्यजीव बाघ का प्रिय भोजन हैं। इसका शिकार करने के लिए ही बाघ जंगल से बाहर आता है। शिकार करने के बाद बाघ गन्ने के खेत में ही छिप जाता है। दूसरा प्रमुख कारण कोहरा रहता है। सुबह कोहरे के दौरान बाघ को लगता है कि अभी रात है। जब कोहरा छंट जाता है, तब उसे दिन होने का अहसास हो पाता है। ऐसे में जंगल लौटने की बजाय बाघ गन्ने के खेतों में अंदर छिप जाते हैं। सर्दी में बाघ के पंजों की बिवाईं फटने जैसा कुछ नहीं होता। जंगली सुअर और नीलगाय खेतों में गन्ना तथा रबी की अन्य फसलों से भोजन की तलाश में आते हैं। उनके पीछे पीछे शिकार के लिए बाघ भी आ जाता है। इसीलिए किसानों को लगातार जागरूक किया जाता रहा है कि खेत में गन्ना कटाई शुरू करने से पहले यह जरूर देखना चाहिए कि आसपास किसी वन्यजीव के पदचिह्न तो नहीं हैं। साथ ही समूह में गन्ना कटाई करना चाहिए। कटाई से पहले गन्ने के खेत के चारों ओर चक्कर लगाते हुए शोर मचाना चाहिए। उसके बाद गन्ना कटाई करें।

डा. दक्ष गंगवार, वन्यजीव चिकित्सक

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