सपा में सबसे ज्यादा दावेदार, भितरघात की आशंका

पीलीभीतजेएनएन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर मंत्री और विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं जिससे सूबे के राजनीतिक परि²श्य में तेजी से सियासी घटनाक्रम बदल रहा है। तराई के जिले की मौजूदा राजनीतिक स्थिति इससे उलट दिखाई दे रही है। जनपद की चारों विधानसभा सीटों पर चुनावी समर में कूदने के लिए समाजवादी पार्टी में ही सबसे ज्यादा टिकट के दावेदार हैं। दूसरी राजनीतिक पार्टियों को छोड़कर समाजवादी पार्टी में ही सबसे अधिक नेता शामिल हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 10:29 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 10:29 PM (IST)
सपा में सबसे ज्यादा दावेदार, भितरघात की आशंका
सपा में सबसे ज्यादा दावेदार, भितरघात की आशंका

पीलीभीत,जेएनएन: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर मंत्री और विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, जिससे सूबे के राजनीतिक परि²श्य में तेजी से सियासी घटनाक्रम बदल रहा है। तराई के जिले की मौजूदा राजनीतिक स्थिति इससे उलट दिखाई दे रही है। जनपद की चारों विधानसभा सीटों पर चुनावी समर में कूदने के लिए समाजवादी पार्टी में ही सबसे ज्यादा टिकट के दावेदार हैं। दूसरी राजनीतिक पार्टियों को छोड़कर समाजवादी पार्टी में ही सबसे अधिक नेता शामिल हुए हैं। अब उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के भीतर अभी से ही भितरघात होने की आशंका पैदा हो रही है। हालांकि सपा जिलाध्यक्ष फिलहाल भितरघात की आशंका को निर्मूल बता रहे हैं।

तराई के जिले में समाजवादी पार्टी का भी खासा जनाधार है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जनपद की पीलीभीत सदर, बरखेड़ा तथा पूरनपुर (सुरक्षित) सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जबरदस्त लहर में भी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों से ही मुख्य मुकाबला हुआ था। हालांकि चुनाव में चारों सीटों पर भाजपा ने ही परचम लहराया था। भाजपा शासनकाल के दौरान ज्वलंत मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी ने ही आवाज बुलंद की है। जिस कारण सपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए। अब विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सपा का टिकट लेने के लिए दावेदारों की कतार सी लगी है। सबसे ज्यादा सदर और पूरनपुर में दावेदार

समाजवादी पार्टी का टिकट लेने के लिए दावेदारी करने वालों की सबसे ज्यादा संख्या पीलीभीत सदर तथा पूरनपुर (सुरक्षित) सीटों पर दिखाई दे रही है। सदर सीट पर स्वर्गीय हाजी रियाज अहमद के पुत्र डा. शाने अली एवं दामाद मोहम्मद आरिफ के बीच वर्चस्व की जंग चल रही है, वहीं पीस पार्टी छोड़कर आए डा. आजममीर खां, बसपा छोड़कर आए डा. शैलेंद्र गंगवार, नफीस अहमद, हरजिदर सिंह कहलो, कांग्रेस छोड़कर आए सुधीर तिवारी, पूर्व ब्लाक प्रमुख जोगेंद्र सिंह, आम आदमी पार्टी छोड़कर आए पूर्व पालिकाध्यक्ष राजीव अग्रवाल टीटी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी छोड़कर आए हनीफ मंसूरी, सपा के जिला महासचिव यूसुफ कादरी, नदीम मलिक, प्रीतपाल मौर्य, सुरेंद्र गंगवार सहित दो दर्जन नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इसी तरह पूरनपुर (सुरक्षित) सीट पर पूर्व विधायक पीतमराम की पुत्रवधू आरती महेंद्र तथा भांजे राजकुमार उर्फ राजू के बीच वर्चस्व को लेकर जंग चल रही है। इसके साथ ही ध्रुव चौधरी, अजय भारती, रामकुमार पासवान, बालकराम सागर, काशीराम सरोज, रामपाल कठेरिया समेत डेढ़ दर्जन दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया है। बीसलपुर सीट के लिए बसपा छोड़कर आई दिव्या गंगवार, पूर्व ब्लाक प्रमुख नीरज गंगवार, मुनेंद्र गंगवार, गायत्री गंगवार, सुरेंद्र गंगवार, दीप्ति गंगवार, आशा वर्मा, तेजपाल गंगवार समेत 15 दावेदारों ने आवेदन किया है। बरखेड़ा सीट पर पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बुद्धसेन वर्मा, पूर्व विधायक गोपाल कृष्ण सक्सेना के पुत्र रजत सक्सेना, ताराचंद्र लोधी तथा जसवंत कुमार ने आवेदन किया है। दावेदारों की संख्या के मद्देनजर पार्टी उम्मीदवार की घोषणा होने पर समाजवादी पार्टी में भितरघात होने की आशंका साफ तौर पर दिखाई दे रही है। टिकट मिलने की आस में साइकिल पर सवार होने वाले कई नेता ऐन मौके पर दूसरे दल में शामिल हो सकते हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में सपा

विधानसभा सीट सपा प्रत्याशी वोट मिले

सदर पीलीभीत हाजी रियाज अहमद 93130 (36.98 फीसद)

बरखेड़ा हेमराज वर्मा 46665 (22.27 फीसद)

बीसलपुर अनीस अहमद खां फूल बाबू 62502 (28.33 फीसद)

पूरनपुर (सुरक्षित) पीतमराम 89251 (36.49 फीसद)

(सपा कांग्रेस गठबंधन के तहत बीसलपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी फूल बाबू लड़े थे) यह सही है कि टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार समाजवादी पार्टी में हैं। दूसरे दलों के नेताओं को भी यह पूरा यकीन है कि यूपी में सपा की सरकार बनने जा रही है। जिस कारण समाजवादी पार्टी का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। टिकटों की घोषणा के बाद अगर कोई भटकता भी है तो उससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। वैसे भी समाजवादी पार्टी के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है।

- जगदेव सिंह जग्गा, सपा जिलाध्यक्ष

chat bot
आपका साथी