हनुमान ने जला दी रावण की लंका

रामलीला मेला में लंका दहन का मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Oct 2019 07:04 PM (IST) Updated:Sat, 05 Oct 2019 07:04 PM (IST)
हनुमान ने जला दी रावण की लंका
हनुमान ने जला दी रावण की लंका

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : श्री रामलीला महोत्सव संचालन समिति के तत्वावधान में विभिन्न प्रसंगों की लीला का मंचन किया गया।

शनिवार की सायं रामलीला मैदान पर शबरी के आश्रम का ²श्य दिखाया गया। श्रीराम और लक्ष्मण शबरी की सलाह पर ऋष्यमूक पर्वत की ओर रवाना हो जाते हैं। वहां सबसे पहले हनुमान से उनकी भेंट होती है। श्रीराम अपने आने का प्रयोजन हनुमान जी को बताते हैं तो वह सुग्रीव से मित्रता करने और फिर सभी वानरों के माध्यम से सीता माता की खोज करने का सुझाव देते हैं। इस पर श्रीराम तैयार हो जाते हैं। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हो जाती है। तब सुग्रीव कहते हैं कि उसके भाई बालि ने सारा राज्य छीन लिया। वह उसका वध करना चाहता है। इसीलिए राज्य छोड़कर वह इस पर्वत पर शरण लिए हुए हैं। इस पर प्रभु राम सुग्रीव को बालि से युद्ध करने के लिए भेज देते हैं। दोनों मे युद्ध होता है, जिसमें सुग्रीव पराजित हो जाते हैं। इसके उपरांत श्रीराम फिर सुग्रीव को पुष्पाहार पहनाकर युद्ध के लिए भेजते हैं। साथ ही एक वृक्ष की ओट से श्रीराम वाण छोड़ते हैं जो जाकर बालि को लगता है। बालि घायल होकर गिर जाता है। बालि अपनी गलती की क्षमा याचना करते हुए पुत्र अंगद को श्रीराम के चरणों में सौंपकर परलोक को गमन करता है। इसके बाद सुग्रीव अपनी सेना को सीता की खोज के लिए भेजते हैं। खोज करने वाले दल में शामिल अंगद, हनुमान, जामवंत, नल और नील समुद्र तट पर पहुंचते हैं। वहां पर गिद्ध राज ने उन्हें सीता के लंका में होने की जानकारी दी। इस पर हनुमान समुद्र को लांघकर लंका पहुंच जाते हैं। वह अशोक वाटिका में सीता माता से भेंटकर प्रभु का संदेश उन्हें देते हैं। भूख लगने पर हनुमान एक वाटिका में जाकर फल तोड़कर खाने लगते हैं। इसी दौरान अक्षय कुमार वहां पहुंचता है। हनुमान उसे पटक कर मार गिराते हैं। तब मेघनाद आकर हनुमान को ब्रह्म फांस में बांधकर रावण के दरबार में ले जाते हैं। वहां वह रावण को अपना परिचय देने के बाद राम से मित्रता करने का सुझाव देते हैं। इस पर रावण क्रोधित हो उठता है। विभीषण की सलाह पर हनुमान की पूंछ में आग लगा दी जाती है। हनुमान अपनी पूंछ की आग से पूरी लंका को जला डालते हैं। बाद में सीता माता से अनुमति लेकर लौटते हैं और प्रभु राम को सीता का संदेश देते हैं। इसी प्रसंग के साथ लीला का मंचन समाप्त हो जाता है।

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