पुराना शव होने के कारण झाल में नहीं फंसा

संवाद सहयोगी पूरनपुर (पीलीभीत) नौ बजे के समय हरदोई ब्रांच नहर के दंदौल पुल से पीछे झाल के किनारे देखा गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Sep 2019 07:21 PM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2019 07:21 PM (IST)
पुराना शव होने के कारण झाल में नहीं फंसा
पुराना शव होने के कारण झाल में नहीं फंसा

संवाद सहयोगी, पूरनपुर (पीलीभीत)

नौ बजे के समय हरदोई ब्रांच नहर के दंदौल पुल से पीछे झाल के किनारे बाघिन का शव देखा गया। दो कर्मचारी झाल पर ही बैठे रहे। तब तक शव काफी दूर निकल गया। दो घंटे में शव को शाहजहांपुर क्षेत्र में बाहर निकाला सके। वन र्किमयों में शव को बाहर निकालने को लेकर बेहद लापरवाही देखी गई।

अक्सर देखा गया है कि वन्यजीवों का शव नहर में आने पर अपने क्षेत्र में निकालने से अधिकारी कतराते रहते हैं। कुछ ऐसा ही यहां शनिवार को भी देखने को मिला। सूचना पर वन दारोगा दिनेश गिरी तो मौके पर पहुंच गए लेकिन तब तक शव आगे जा चुका था। काफी देर बाद दंदौल पुल को पार कर टूटे पुल के पास शव पहुंचने पर दरोगा वहां के लिए रवाना हुए। वहां कुछ कर्मचारी खड़े थे लेकिन शव निकालने की कोई तैयारी नहीं थी। बाद में जब टूटे पुल को पार कर शव किनारे पर पहुंचा और दो वन वाचरों ने उसे निकालने का प्रयास किया। दोनों कर्मचारी शव के पास तो पहुंच गए लेकिन उसे रस्सी से ठीक से बांध नहीं सके। इसके चलते वह काफी तेजी के साथ बह निकला। इस बीच कई बार शव नदी के किनारे पर आया लेकिन उसे निकालने का कोई खास प्रयास नहीं किया गया। जब शाहजहांपुर के नवीनगर पुल के पास शव पहुंचा तो उससे करीब 500 मीटर आगे फिर उन दो वन कर्मचारियों ने पकड़ कर नहर के एक झंकाड़ के सहारे बांध दिया। दोनों जिलों के अधिकारियों के आने के बाद ही नहर से शव को बाहर निकाला जा सका। अगर वन कर्मचारी पहले ही तत्परता दिखाते तो सब पीलीभीत क्षेत्र में ही निकाला जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाद में कर्मचारी गोताखोरों के होने की बात कहते देखे गए। नहर की झाल में नहीं फंसा

बाघिन का शव कई दिन पुराना होने से फूल चुका था। इसके चलते वह किसी भी झाल में नहीं फंसा और तेजी के साथ झालों को पार कर बहता रहा। इसके चलते कुछ ही घंटों में काफी दूर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि अगर शव फूलता नहीं है तो वह झाल में फंस जाता है।

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