जिला अस्पताल में एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन मिलने पर हंगामा

जिला पुरुष अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीज की टेबल पर एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन मिलने से हंगामा हो गया। मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी पुलकित खरे ने सीएमओ को जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमओ ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। गहनता से जांच के लिए समिति का गठन किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 11:06 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 11:06 PM (IST)
जिला अस्पताल में एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन मिलने पर हंगामा
जिला अस्पताल में एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन मिलने पर हंगामा

पीलीभीत,जेएनएन: जिला पुरुष अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीज की टेबल पर एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन मिलने से हंगामा हो गया। मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी पुलकित खरे ने सीएमओ को जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमओ ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। गहनता से जांच के लिए समिति का गठन किया गया है।

मंगलवार रात जिला पुरुष अस्पताल के भूतल पर स्थित वार्ड संख्या पांच में बेड संख्या 29 पर भर्ती खूबचंद की मेज पर एक्सपायरी डेट के चार डेक्सामेथासॉन इंजेक्शन रखे पाए गए। इंजेक्शन को देखकर मरीज के तीमारदारों ने हंगामा कर दिया। तीमारदारों ने अस्पताल स्टाफ पर एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन रखने का आरोप लगाया। एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन रखे जाने के मामले ने तूल पकड़ा तो जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया। जिलाधिकारी ने सीएमओ को मामले की जांच कराकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल व एसीएमओ डॉ.चंद्रमोहन चतुर्वेदी ने जिला पुरुष अस्पताल में मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। जांच के दौरान सीएमओ ने ड्यूटी कक्ष में जाकर रिकॉर्ड का निरीक्षण किया। इसके साथ ही मरीजों को लगाने के लिए रखे इंजेक्शन व दवाइयों को भी देखा। सीएमओ ने मरीजों व उनके तीमारदारों से बातचीत की। पूरे मामले की गहनता से जांच के लिए सीएमओ ने समिति का गठन किया है। मरीज को लग ही नहीं रहा इंजेक्शन: वार्ड संख्या पांच में बेड संख्या 29 पर भर्ती खूबचंद व बेड संख्या 30 पर भर्ती अकबर सांस संबंधी रोग से पीड़ित हैं। मामले सामने आने पर दोनों मरीजों के परिजनों से पूछताछ की गई। इस दौरान बेड संख्या 30 पर भर्ती अकबर के तीमारदार ने एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाने के मामले से किनारा कर लिया। सीएमओ की ओर से पूछताछ में उसने कहा कि मेरे मरीज को सही इलाज मिल रहा है। एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन बेड संख्या 29 पर भर्ती मरीज की मेज पर पाया गया था। इसके बाद बेड संख्या 29 पर भर्ती खूबचंद व उसकी पत्नी से मामले की जानकारी ली गई। उन्होंने कहा कि हमें रात के लिए चार इंजेक्शन स्टाफ नर्स ने दिए थे। हमने मेज पर रख दिए। इसके बाद मरीज की पत्नी का भाई नरेश वार्ड में आया तो उसने एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन रखे जाने का मामला उठाया।

सीएमओ ने जब खूबचंद की मेडिकल फाइल देखी तो उसमें पाया कि डाक्टर ने पर्चे में डेक्सामेथासॉन इंजेक्शन लिखा ही नहीं है। पूरे इलाज के दौरान एक बार भी डेक्सामेथासॉन इंजेक्शन मरीज को नहीं दिया गया है। ऐसे में वह इंजेक्शन मरीज की मेज पर कैसे आया, इस पर संशय है। सीएमओ को निरीक्षण के दौरान मरीज की पत्नी का भाई नरेश मौके पर नहीं मिला। सीएमओ ने बयान के लिए नरेश को बुलाया है। मरीज के स्वजनों के मुताबिक नरेश शहर के एक निजी अस्पताल स्थित मेडिकल स्टोर पर कार्यरत है।

बैच नंबर आया ही नहीं अस्पताल में: एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन पाए जाने पर सीएमएस डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने पूरा स्टॉक रिकॉर्ड चेक कराया। मरीज की मेज पर पाया गया सरकारी सप्लाई का इंजेक्शन जिला पुरुष अस्पताल का नहीं है। सीएमएस ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मेज पर पाए गए एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन का बैच नंबर अस्पताल के रिकॉर्ड में नहीं है। इसके अलावा, जिला महिला अस्पताल में भी इस बैच नंबर का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। मरीज के मेज पर पाए गए इंजेक्शन पर एक्सपायरी अक्टूबर 2020 अंकित है। जिला पुरुष अस्पताल में मौजूद डेक्सामेथासॉन इंजेक्शन पर एक्सपायरी मई 2021 अंकित है जोकि पचास की संख्या में चार नवंबर को ड्यूटी रूम में रखे गए।

सीसीटीवी की खली कमी: जिला पुरूष अस्पताल के वार्डों में व पीछे के गेट पर सीसीटीवी कैमरे की कमी जांच अधिकारियों को खली। जिला पुरुष अस्पताल का आधा हिस्सा सीसीटीवी कैमरे से लैस है जबकि आपरेशन थियेटर व वार्डों की ओर कैमरे नहीं लगे हैं। अगर सीसीटीवी लगे होते तो मामले का सच आसानी से सामने आ सकता था। मरीजों की सुरक्षा व अन्य घटनाओं के लिहाज से पूरा अस्पताल सीसीटीवी से लैस होना जरूरी है।

फोटो: 17 पीआइएलपी 26

मामला संज्ञान में आया है। मामले में प्रथम ²ष्टया स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से यह बताया गया कि इंजेक्शन अस्पताल का नहीं है। अगर इंजेक्शन अस्पताल का नहीं है तो फिर सरकारी सप्लाई का एक्सपायर इंजेक्शन मरीज के पास तक कैसे पहुंचा, इसकी जांच होना जरूरी है। पूरे मामले में जांच के लिए सीएमओ को आदेश दिए गए हैं। सीएमओ द्वारा समिति गठित कर दी गई है जो तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

- पुलकित खरे, जिलाधिकारी

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मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की है। प्रथम ²ष्टया आरोप सही साबित नहीं हो रहे हैं। जिस मरीज की मेज पर डेक्सामेथासॉन इंजेक्शन रखे होने का मामला कथित रूप से सामने आया है, उसे डॉक्टर की ओर से यह इंजेक्शन दिया ही नहीं जा रहा है। मरीज की पत्नी का बयान लिया है। उनके भाई को भी बुलाया गया है जिन्होंने आरोप लगाए हैं। पूरे मामले की गहनता से जांच के लिए समिति गठित कर दी है। जल्द ही जांच कराकर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी। - डॉ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ फोटो: 17 पीआइएलपी 28 जो इंजेक्शन पाया गया है, उसका बैच नंबर हमारे पूरे रिकॉर्ड में कहीं नहीं है। महिला अस्पताल में भी उस बैच नंबर की सप्लाई का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। मरीज के तीमारदारों द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। अन्य मरीजों को भी डेक्सामेथासॉन दिया जा रहा है लेकिन किसी की मेज पर एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन नहीं मिला। अस्पताल के स्टाफ द्वारा कोई गलती नहीं हुई है। बाहर से एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लाकर रखा गया व षड्यंत्र के साथ छवि खराब करने के लिए मामले को तूल दिया गया। सच सामने आने पर विधिक कार्रवाई कराई जाएगी। - डॉ. रतनपाल सिंह सुमन, सीएमएस

मरीज की बात- मुझे सांस लेने में समस्या हो रही थी। यहां आकर भर्ती हुआ। मैं और मेरी पत्नी पढ़े-लिखे नहीं हैं। जो दवा या इंजेक्शन दिए जाते हैं, उन्हें मेज पर रख दिया जाता है। मंगलवार की रात में पत्नी का भाई मुझे देखने आया था। उसने बताया कि ये इंजेक्शन एक्सपायरी डेट के हैं। उसके बार ही कुछ अन्य लोग भी आ गए थे।

- खूबचंद, बेड 29 पर भर्ती मरीज

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