टनकपुर रेल लाइन के किनारे दुकानों से खतरा

रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण की समस्या तराई के जिले में भी है। झुग्गी-झोपड़ी की बस्ती भले ही नहीं है लेकिन अन्य तरह के अतिक्रमण की अनदेखी की जाती रही है। वर्तमान में तो कोविड-19 जैसी महामारी के कारण ट्रेनों का संचालन बंद है। पीलीभीत मैलानी और पीलीभीत-शाहजहांपुर रूट पर आमान परिवर्तन का कार्य हो रहा है। ऐसे में दोनों रूट करीब दो साल से बंद चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 11:37 PM (IST)
टनकपुर रेल लाइन के किनारे दुकानों से खतरा
टनकपुर रेल लाइन के किनारे दुकानों से खतरा

पीलीभीत,जेएनएन : रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण की समस्या तराई के जिले में भी है। झुग्गी-झोपड़ी की बस्ती भले ही नहीं है लेकिन अन्य तरह के अतिक्रमण की अनदेखी की जाती रही है। वर्तमान में तो कोविड-19 जैसी महामारी के कारण ट्रेनों का संचालन बंद है। पीलीभीत मैलानी और पीलीभीत-शाहजहांपुर रूट पर आमान परिवर्तन का कार्य हो रहा है। ऐसे में दोनों रूट करीब दो साल से बंद चल रहे हैं।

शहर के पूर्वी छोर पर स्थित बरहा रेलवे क्रासिग काफी महत्वपूर्ण है। इस क्रासिग से पीलीभीत-शाहजहांपुर, पीलीभीत मैलानी और पीलीभीत टनकपुर की रेलवे लाइनें हैं। जब मीटर गेज की ट्रेनों का संचालन होता था, तब तीनों लाइनों पर आने और जाने वाली ट्रेनें गुजरने के दौरान सबसे ज्यादा समय तक क्रासिग का यही फाटक बंद रहा करता था। इस क्रासिग के उत्तरी फाटक के निकट टनकपुर रेलवे लाइन से पंद्रह मीटर से भी कम दूरी पर दुकानें दशकों से संचालित हो रही हैं। रेलवे के सुरक्षा एवं संरक्षा अनुभाग ने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है। बीसलपुर में तो रेलवे स्टेशन के निकट वर्षों पहले कुछ लोगों ने चहारदीवारी खड़ी कर ली थी। रेलवे के अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो जेसीबी से बाउंड्री ढहा दी गई। कुछ समय बाद ही लोगों ने फिर से उसे निर्मित करा लिया। इनसेट

रेलवे की जमीनों पर जहां भी अतिक्रमण है, उसका ब्योरा मंडल के संपत्ति अधिकारी के पास रहता है। फिलहाल तो इस जिले में यात्री ट्रेनों का संचालन कोविड-19 के कारण बंद चल रहा है। आने वाले समय में रेलवे की जमीन पर जहां-जहां भी अतिक्रमण है, उसे हटवाया जाएगा।

-राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी इज्जतनगर पूर्वोत्तर रेलवे मंडल

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