धार्मिक पर्यटन में अपार संभावनाएं

पूरनपुर (पीलीभीत) : पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर करने आने वाले सैलानियों की तीर्थ यात्रा मुफ्त

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Feb 2018 11:21 PM (IST) Updated:Thu, 01 Feb 2018 11:21 PM (IST)
धार्मिक पर्यटन में अपार संभावनाएं
धार्मिक पर्यटन में अपार संभावनाएं

पूरनपुर (पीलीभीत) : पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर करने आने वाले सैलानियों की तीर्थ यात्रा मुफ्त में ही हो जाया करेगी। टाइगर रिजर्व के अंदर एवं आस पड़ोस में ही धार्मिक पर्यटन के लिए कई सुप्रसिद्ध स्थल हैं। आवश्यकता इस बात की है कि इन्हें पर्यटन स्थल का दर्जा देकर धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाए।

किसी कवि ने कहा है सैर कर दुनिया की गाफिल ¨जदगानी फिर कहां? ¨जदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहां? हालांकि बदलते जमाने में यह पंक्तियां गौण साबित होती जा रही हैं। लोगों का रुझान जंगलों का भ्रमण करके वन्यजीव व पशु पक्षियों का दीदार करने की ओर इतना अधिक बढ़ा है कि जंगल सफारी का नाम आते ही घूमने का प्रोग्राम बना लेते हैं। इस तरह लोगों का सैर सपाटा हो जाता है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी आदि सुविधाएं शुरू होने से दुधवा नेशनल पार्क, जिम कार्बेट पार्क की भांति नजारा दिखने लगा है। जब यहीं पर्यटन धार्मिक स्थलों का होता है तो उसे तीर्थ यात्रा कहा जाता है। टाइगर रिजर्व में भी धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। जंगल के अंदर से ले कर आस पड़ोस के इलाकों में हर जाति धर्म के धार्मिक स्थलों की उपलब्धता विविधता में एकता के रंग संजोए हुए है। इन सभी को जोड़ते हुए पर्यटन का एक रूट तय कर दिया जाए तो इसका लाभ जहां बाहर से आने वाले पर्यटक उठा सकेंगे वहीं जनपदवासियों को भी जंगल सफारी गाड़ियों के माध्यम से सैर सपाटे के साथ तीर्थयात्रा का भी पूरा आनंद मिल सकेगा। इतना सब कुछ होने के बाद हैरत की बात तो यह है कि अभी तक किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं गया है। शायद इसी कारण धार्मिक पर्यटन को मंजिल नहीं मिल पा रही है। आवश्यकता इस बात की है कि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी के साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के पूरे प्रयास किए जाएं।

यह हैं प्रमुख स्थान

माला वन रेंज में माधोटांडा पीलीभीत रोड पर सिद्ध बाबा स्थल एवं पूरनपुर पीलीभीत रोड पर गढ़ा में हनुमान मंदिर प्रमुख है। बराही रेंज में सेल्हा बाबा की मजार है। मार्च में विशाल मेला लगता है। खटीमा रोड पर भारमल बाबा का मंदिर है तो बराही रेंज से सटी हुई बराही देवी का सुप्रसिद्ध मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता है। जंगल से कुछ दूर पर ही लखनऊ की शान बढ़ाने वाली आदि गंगा मां गोमती का पवित्र उद्गमस्थल माधोटांडा की फुलहर झील मौजूद है। यहां स्थित दुर्गादास बाबा के मंदिर की खासी मान्यता है। जंगल के अंदर ही इकहोत्तरनाथ बाबा का सुप्रसिद्ध शिव मंदिर भी विख्यात है। इसी तरह जंगल से सटे क्षेत्र में माती माफी में मातेश्वरी गूंगा देवी मंदिर, खांडेपुर में त्रेतानाथ शिव मंदिर, हरिपुर रेंज से कुछ दूरी पर सतभैया बाबा स्थल, शाहगढ़ में राजा बेनु का प्राचीन किला एवं काली मां का मंदिर और मरौरी में वेद वर्णित राजा मोरध्वज का किला पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं। पीलीभीत शहर की बात करें तो यहां रुहेला सरदार हाफिज रहमतखान की ओर से बनाई गई शाही जामा मस्जिद, गुरुद्वारा छेवी पातशाही, कैथोलिक चर्च और सुप्रसिद्ध गौरीशंकर मंदिर व यशवंती देवी मंदिर प्रमुख हैं।

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