इलाज में लापरवाही पर महिला डॉक्टरों को चेतावनी

सेक्टर-51 स्थित क्लाउड नाइन अस्पताल में नवजात की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने जांच में अस्पताल की दो महिला डॉक्टरों को इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का जिम्मेदार माना है। काउंसिल ने महिला डॉक्टरों को चेतावनी देते हुए भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं बरतने को लेकर चेताया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 09:09 PM (IST) Updated:Sun, 18 Aug 2019 06:23 AM (IST)
इलाज में लापरवाही पर महिला डॉक्टरों को चेतावनी
इलाज में लापरवाही पर महिला डॉक्टरों को चेतावनी

जागरण संवाददाता, नोएडा :

सेक्टर-51 स्थित क्लाउड नाइन अस्पताल में नवजात की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने जांच में अस्पताल की दो महिला डॉक्टरों को इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का दोषी माना है। काउंसिल ने महिला डॉक्टरों को इस संबंध में चेतावनी देते हुए भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरतने को लेकर चेतावनी दी है।

एथिकल समिति ने अपनी जांच में अस्पताल की दो महिला डॉक्टर डॉ. प्रतिभा सिघल व डॉ. रतिका दीनानाथ को मरीज के प्रति घोर लापरवाही बरतने का दोषी माना है। शासी समिति ने जांच के बाद दोनों डॉक्टरों को अपने चिकित्सकीय कर्तव्यों के प्रति उत्तरदायी रहने के लिए चेताया है। उन्हें भविष्य में चिकित्सकीय लापरवाही न करने की सख्त चेतावनी दी है। क्या है मामला :

गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा निवासी अंकित गर्ग के अनुसार 9 मार्च 2019 को पत्नी श्वेता कश्यप को प्रसव के लिए क्लाउड नाइन अस्पताल में भर्ती कराया था। प्रसव के बाद अस्पताल की दो महिला डॉक्टरों की लापरवाही से अजन्मे बच्चे की मौत हो गई थी। पीड़ित ने अस्पताल प्रबंधन और महिला डॉक्टर को जिम्मेदार मानते हुए सेक्टर-49 कोतवाली में लापरवाही का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले के उजागर होने के बाद जिलाधिकारी ने जांच के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही मामले की जांच सीएमओ के साथ तीन सदस्यीय टीम ने की थी। उस जांच की रिपोर्ट से पीड़ित संतुष्ट नहीं था। उसका आरोप है कि विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधन और आरोपी डॉक्टरों को बचाने का प्रयास किया गया है। जांच के दौरान उससे कोई पूछताछ नहीं की गई। जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट होने पर पीड़ित ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच आयोग कर रहा है। बीते दिनों मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम अस्पताल पहुंची थी। लेकिन पीड़ित ने टीम की जांच रिपोर्ट भी सवाल उठाए थे।

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अस्पताल प्रबंधन की ओर से मामले की जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल की ओर से गई जांच पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।

- डॉ. पवन कुमार, क्षेत्रीय निदेशक, क्लाउड नाइन अस्पताल

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