'रेनबो' स्टेशन के जरिये ट्रांसजेंडर के प्रति बदलेगा 'नजरिया'

जागरण संवाददाता नोएडा देश में पहली बार ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 10:50 PM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 10:50 PM (IST)
'रेनबो' स्टेशन के जरिये ट्रांसजेंडर के प्रति बदलेगा 'नजरिया'
'रेनबो' स्टेशन के जरिये ट्रांसजेंडर के प्रति बदलेगा 'नजरिया'

जागरण संवाददाता, नोएडा :

देश में पहली बार ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास शुरू हुआ है। यह पहल नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) ने की है। जिससे उनके अंदर की हीन भावना को भी खत्म किया जा सके। इसके लिए प्रबंधन ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन रूट पर सेक्टर-50 मेट्रो स्टेशन को उन्हें समर्पित ही नहीं किया है, बल्कि उसका नाम 'रेनबो' रख दिया है। इस प्रकार से स्टेशन को रंगों के जरिये अंदर से बाहर तक सराबोर किया है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

प्रबंधन ने अपने प्रयास को यहां बंद नहीं किया है, बल्कि ट्रांसजेंडरों का एक एनजीओ 'नजरिया' भी हायर किया है, जो ट्रांसजेंडरों के साथ-साथ अन्य स्टॉफ को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। एलजीबीटीक्यू + (लेसबियन गे बाई सेक्सुअल ट्रांसजेंडर क्वीर प्लस) के लिए अलग से मेट्रो कोच भी शुरू किया जा सकता है। जिससे उन्हें सुरक्षित सफर भी मुहैया कराया जा सकता है।

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चार ट्रांसजेंडर को मिला रोजगार

एनएमआरसी ने ट्रांसजेंडर को रोजगार देने के आवेदन मांगे थे। आवेदनों में से चार ट्रांसजेंडर का चयन एनएमआरसी प्रबंधन ने किया है। अभी स्टेशन पर उनकी तैनाती नहीं हुई है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सेवा का मौका दिया जायेगा।

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यहां से आया 'रेनबो' का आइडिया

एनएमआरसी की ओर से सेक्टर-50 मेट्रो स्टेशन का नाम 'रेनबो' रखा है। इसमें सात के बजाय छह रंग हैं। इन छह रंगों के अलग-अलग अर्थ हैं। जिसे स्टेशन के अंदर से लेकर बाहर पिलर तक इस प्रकार से प्रदर्शित किया गया है, जो देश को ही नहीं, बल्कि एक समुदाय विशेष को संदेश दे रहे हैं, चूंकि यह लेसबियन गे बाई सेक्सुअल ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) का प्राइड फ्लैग है।

रंग प्रकृति

रेड लाइफ

आरेंज हीलिग

यलो सन

ग्रीन नेचर

रॉयल ब्लू हारमनी

वायलेट स्प्रिट एनएमआरसी ने जिस प्रकार से समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम किया है। यह अवश्य ही समाज का नजरिया बदलने में सहायक होगा। यह प्रयास बताता है कि किस प्रकार से समाज में बदलाव की बयार चल रही है।

-रूहान आतिश, ट्रांसमैस्कुलिन

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