लघु मध्यम उद्योगों तक पहुंची पार्किंग की आंच

औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की आड़ में प्राधिकरण लघु, सूक्ष्म, मध्यम एवं अन्य बड़े उद्यमियों का हनन करने में लगी है। यहा औद्योगिक इकाइयों के स्थान पर व्यवसायिक गतिविधियां की जा रही है। साथ ही लैंड यूज में बदलाव किया जा रहा है। जिसने औद्योगिक सेक्टरों का नक्शा ही बदल दिया। मसलन यहा उद्योगों की संख्या कम बल्कि व्यवसायिक व संस्थागत गतिविधियां बढ़ रही है। इसी के चलते यहा पार्किंग की समस्या बढ़ी है। प्राधिकरण के तुगलकी फरमान ने उद्यामियों को परेशान कर दिया है। ऐसे में लघु सूक्ष्म मध्यम औद्योगिक एकीकरण ने मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की है। वहीं, मामले के निस्तारण के लिए जिला अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 08:42 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 08:42 PM (IST)
लघु मध्यम उद्योगों तक पहुंची पार्किंग की आंच
लघु मध्यम उद्योगों तक पहुंची पार्किंग की आंच

जागरण संवाददाता, नोएडा :

औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की आड़ में प्राधिकरण लघु, सूक्ष्म, मध्यम एवं अन्य बड़े उद्यमियों का हनन करने में लगा है। नोएडा प्राधिकरण ने आदेश दिया है कि लघु, सूक्ष्म, मध्यम एवं बडे उद्योगों में आने वाले वाहनों से पार्किग चार्ज लिया जाएगा। ऐसे में लघु सूक्ष्म मध्यम औद्योगिक एकीकरण ने मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की है। वहीं, मामले के निस्तारण के लिए जिला अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा।

1976 में शहर को औद्योगिक गतिविधियों के लिए बसाया गया था, लेकिन दो दशकों में यहां उद्योगों का विकास कम व रिहायशी, व्यवसायिक और संस्थागत गतिविधियों का विकास अधिक किया गया। यहां औद्योगिक इकाइयों के स्थान पर व्यवसायिक गतिविधियां की जा रही है। साथ ही लैंड यूज में बदलाव किया जा रहा है। इससे औद्योगिक सेक्टरों का नक्शा ही बदल गया है। मसलन यहां उद्योगों की संख्या कम व व्यवसायिक और संस्थागत गतिविधियां बढ़ रही है। इसी के चलते यहां पार्किग की समस्या बढ़ी है। वहीं प्राधिकरण ने आदेश दिया है कि यहां संचालित हो रहे लघु, सूक्ष्म, मध्यम एवं बडे उद्योगों में आने वाले वाहनों से पार्किग चार्ज लिया जाएगा। पार्किग क्लस्टर ठेकेदार जबरन उद्यामियों के यहां जाकर पैसे वसूल रहे है। जबकि हकीकत यह है कि यहां औद्योगिक भूखंड के आवंटन के दौरान उद्यामियों से डेवलेपमेंट चार्ज लिया गया। यह चार्ज प्रत्येक भूखंड के हिसाब से अलग-अलग था। लघु, सूक्ष्म मध्यम औद्योगिक एकीकरण इकाई के अध्यक्ष सुरेंद्र ¨सह नाहाटा ने बताया कि इसकी प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद पांडे से की गई है। ताकि वह शासन स्तर पर बैठक कर हमारी समस्याओं का हल निकाले। यदि ऐसा नहीं होता तो लघु, सूक्ष्म, मध्यम और बड़े उद्योगों को प्रदेश से पलायन कर कहीं ओर जाना पड़ जाएगा।

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