Lok Sabha Elections: UP की इन तीन विधानसभा में बजता है धनबल का डंका, चुनाव आयोग की मुहर लगने के बाद खर्च पर रहेगी खास नजर

गौतमबुद्ध नगर में चुनाव लड़ना धन्नासेठों का खेल है। तीनों विधानसभा सीटों पर चुनाव के दौरान प्रत्याशी धनबल का जमकर कर खर्च करते हैं। अभी तक यह चर्चाएं होती थीं अब आयोग ने इस पर मोहर लगा दी है। निर्धारित सीमा से अधिक रकम खर्च करने का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच चुका है। आयोग ने जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र नोएडा दादरी व जेवर को एक्सपेंडिचर सेंसिटिव घोषित किया।

By Manesh Tiwari Edited By: Pooja Tripathi Publish:Tue, 27 Feb 2024 11:10 AM (IST) Updated:Tue, 27 Feb 2024 11:10 AM (IST)
Lok Sabha Elections: UP की इन तीन विधानसभा में बजता है धनबल का डंका, चुनाव आयोग की मुहर लगने के बाद खर्च पर रहेगी खास नजर
UP की इन तीन विधानसभा में बजता है धनबल का डंका

HighLights

  • चुनाव आयोग ने जिले की तीनों विधानसभा को कहा एक्सपेंडिचर सेंसिटिव
  • लोकसभा चुनाव में न हो अतिरिक्त खर्च, रहेगी विशेष नजर

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में चुनाव लड़ना धन्नासेठों का खेल है। जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर चुनाव के दौरान प्रत्याशी धनबल का जमकर कर खर्च करते हैं। अभी तक यह चर्चाएं होती थीं, अब आयोग ने इस पर मोहर लगा दी है।

निर्धारित सीमा से अधिक रकम खर्च करने का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच चुका है। चुनाव आयोग ने जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र नोएडा, दादरी व जेवर को एक्सपेंडिचर सेंसिटिव घोषित किया है। अर्थात यहां पर चुनाव में आयोग के निर्धारित चुनाव खर्च से ज्यादा रकम लुटाई जाती है।

चुनाव में होने वाले धनबल पर आयोग की निगाह तिरछी हो गई है। आगामी लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्ध नगर के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर आयोग की पैनी निगाह होगी। जिला निर्वाचन विभाग भी मामले में सतर्क हो गया है।

जिला निर्वाचन विभाग जुटा तैयारियों में

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जिला निर्वाचन विभाग जुट गया है। अगले माह की शुरुआत में चुनाव का बिगुल बज सकता है। चुनाव में खर्च पर लगाम लगाने का कार्य चुनाव आयोग के द्वारा किया जाता है।

विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा पूर्व में 28 लाख व लोकसभा चुनाव में खर्च की सीमा 70 लाख रुपये थी। अब यह सीमा विधानसभा चुनाव में 40 लाख व लोकसभा में 95 लाख हो गई है।

नियम के तहत यदि प्रत्याशी इससे अधिक खर्च करता है तो आयोग के नियम के तहत उस पर कार्रवाई हो सकती है।

गुप्त तरीके से खर्च होते हैं रुपये

जिला निर्वाचन विभाग की टीम चुनाव खर्च पर पैनी नजर रखती है। जीत दर्ज करने के लिए जिले में प्रत्याशियों के द्वारा करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं।

प्रत्याशियों के द्वारा चुनाव में कार्यकर्ताओं को प्रचार के लिए गाड़ियां देने के साथ ही शराब का वितरण किया जाता है। साथ ही मतदाताओं को पैसों के साथ ही उपहार भी बांटे जाते हैं। यह सारा खर्च इतनी गुप्त तरीके से होता है कि सरकारी तंत्र को पता तक नहीं लगता।

चुनाव आयोग ने कसी कमर

चुनाव आयोग के द्वारा कुछ विधानसभा चुनावों में होने वाले खर्च पर विशेष नजर रखी जा रही थी। इसमें पाया गया है कि गौतमबुद्ध नगर जिले की तीनों ही विधानसभा में निर्धारित से अतिरिक्त पैसा खर्च किया जाता है। ऐसे में जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव में भी धनबल की प्रबल संभावना है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व जिले की तीनों विधानसभा को चुनाव में होने वाले खर्च के मामले में एक्सपेंडिचर सेंसिटिव घोषित होने के बाद से जिला निर्वाचन विभाग ने कमर कस ली है। टीमों का गठन कर चुनाव खर्च पर विशेष नजर रखने की तैयारी है।

चुनाव आयोग ने जिले की तीनों विधानसभा को एक्सपेंडिचर सेंसटिव कहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए होने वाले लोकसभा चुनाव में चुनाव खर्च पर विशेष नजर रखी जाएगी। जांच के लिए जगह-जगह चेक पोस्ट बनाए जाएंगे साथ ही आइटी टीम की मदद ली जाएगी।-मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी

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