श्रद्धालु बोले, भगवान के दर पर मांगेंगे कोरोना वायरस के संक्रमण से छुटकारा

जब भी संकट आता है तो भगवान या सिद्ध पुरुष याद आते हैं। लोग संकट से छुटकारा पाने को मंदिरों की तरफ दौड़ते हैं लेकिन कोरोना वायरस के चलते शहर में दो महीने से मंदिरों के कपाट बंद हैं

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 06:30 PM (IST)
श्रद्धालु बोले, भगवान के दर पर मांगेंगे कोरोना वायरस के संक्रमण से छुटकारा
श्रद्धालु बोले, भगवान के दर पर मांगेंगे कोरोना वायरस के संक्रमण से छुटकारा

ग्रेटर नोएडा, अजब सिंह भाटी। जब भी संकट आता है तो भगवान या सिद्ध पुरुष याद आते हैं। लोग संकट से छुटकारा पाने को मंदिरों की तरफ दौड़ते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते शहर में दो महीने से मंदिरों के कपाट बंद हैं। यूं कहें की भक्त और भगवान के बीच भी कोरोना आ गया है, तो गलत न होगा। भक्तों का मंदिरों में भगवान से मिलन की घड़ी का इंतजार जल्द समाप्त होगा। कपाट खोलने से पहले मंदिरों में तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू हो गई हैं।

कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए मंदिरों में भीड़ जमा न हो, इसके लिए पुजारी व मंदिर समिति के सदस्य योजना बना रहे हैं। मंदिरों के बाहर गोल घेरे, साफ-सफाई, रंगाई-पुताई के साथ अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। शासन ने आठ जून से मंदिरों के कपाट खोलने का आदेश दिया है। श्रद्धालु मंदिरों के कपाट खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

बनानी पड़ गई थी दूरी : कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से सरकार को मंदिरों के कपाट बंद करने का फैसला लेना पड़ा।

गौर सिटी के राधा कृष्ण मंदिर, कंचनदास मंदिर,  शिव शक्ति मंदिर समेत कई अन्य प्राचीन मंदिरों के कपाट 20 मार्च के बाद से बंद हैं। मंदिर में कोई प्रवेश न करे, इसके लिए न केवल मंदिर के गेट पर ताले लगाए गए, बल्कि एक सुरक्षा गार्ड की तैनाती भी करनी पड़ी। हालांकि कोरोना वायरस के खौफ के चलते पिछले दो महीने में श्रद्धालुओं ने न केवल मंदिरों से दूरी बनाकर रखी, बल्कि चैत्र नवरात्र में भी घर पर ही घट की स्थापना कर पूजा-अर्चना की।

जानकारी के लिए बता दें कि देश में लगातार कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए देश में सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था। इसके बाद सरकार ने लगातार लॉकडाउन की अवधी को पांच बार बढ़ा दिया है। 

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